टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : साहित्य, संस्कृति व शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड के प्रतिष्ठित नाम डॉ गिरिधारी राम गौंझू को मरणोपरान्त पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है. गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है.
डॉ गिरधारी राम गौंझू खूंटी के बेलवादाग गांव के रहने वाले थे. उनका जन्म 5 दिसंबर, 1949 को हुआ था. सत्तर के दशक में उन्होंने कुछ वर्ष गुमला के चैनपुर स्थित परमवीर अलबर्ट एक्का मेमोरियल कॉलेज में अध्यापन किया था. इसके बाद रांची के गोस्नर कॉलेज, रांची कॉलेज और रांची यूनिवर्सिटी स्नातकोत्तर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग से बतौर अध्यापक जुड़े. दिसंबर 2011 में सेवानिवृत हुए. पिछले ही साल 15 अप्रैल को उनका देहांत हुआ था.
डॉ गौंझू हिंदी और नागपुरी भाषा के विद्वान थे. इनकी लिखी अब तक दो दर्जन से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. इनकी रचनाओं में झारखंड की सांस्कृतिक विरासत, नागपुरी शब्दकोष, मातृभाषा की रचना, महाराजा मदरा मुंडा, अखरा निंदाय गेलक, झारखंड के लोकगीत आदि शामिल हैं.
झारखंड के साहित्यकार डॉ गिरधारी राम गौंझू को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान

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