गोड्डा(GODDA): सोहराय पर्व के विवाद के बाद अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए सुर्खियों में आई गोड्डा कॉलेज की प्रोफेसर रजनी मुर्मू के विरुद्ध छात्र संगठन लगातार उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. ऐसे में रजनी मुर्मू ने इन सभी छात्रों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. इस पूरे मामले पर रजनी मुर्मू ने अपनी बात रखी है. प्रोफेसर रजनी मुर्मू ने अपनी बर्खास्तगी की मांग पर द न्यूजपोस्ट से बात करते हुए कहा कि जो उनकी बर्खास्तगी की बात कर रहे हैं. दरअसल, वे आर्थिक बहिष्कार की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो इसकी मांग कर रहे हैं मैं उनको बता दूं कि झारखंड सरकार ने हाल ही में कानून बनाया है कि आर्थिक बहिष्कार करना भी मॉब लिंचिंग में आएगा. उन्होंने कहा कि वैसे छात्र और लोग जो उनकी आर्थिक बहिष्कार की मांग कर रहे हैं उनके खिलाफ उन्होंने केस कर दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
हमेशा से ही आदिवासी महिलाओं के साथ होता है मॉब लिंचिंग
उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी महिलाओं की हमेशा से ही मॉब लिंचिंग होती आ रही है चाहे डायन के आरोप में या किसी और बहाने से, हमेशा से ही महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है और उनकी हत्या की परंपरा रही है. उन्होंने आगे कहा कि ये संथाल की बाकी महिलाओं के लिए बात है कि महिलाओं का आर्थिक बहिष्कार का परिणाम क्या होता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रताड़ित करने का ये परंपरा चला आ रहा है और इसे वे तोड़ेंगी. रजनी मुर्मू ने आगे कहा कि फेसबुक एक बहुत बड़ा माध्यम है जहां औरतें अपनी बात लिख सकती हैं. उन्होंने me too आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि बहुत सारी महिलाओं ने बड़े-बड़े प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ शोषण होगा तो वे बोलेंगी ही इसलिए वे भी बोल रही हैं. रजनी मुर्मू ने अदालत में मुकदमा दायर कर दिया है. ऐसे में वे तो हार नहीं मानने वाली हैं. लेकिन उनका कहना है कि इससे बाकी लड़कियों को लड़ने की ताकत जरूर मिलेगी.
रिपोर्ट: अजीत सिंह, गोड्डा
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