धनबाद(DHANBAD) | झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने आज धनबाद में हेमंत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि झारखंड में पंचायत चुनाव इसलिए नहीं हो रहा है कि सरकार को मुखिया से कमीशन की राशि लेने में परेशानी होती है लेकिन अधिकारियों से आसानी से राशि मिल जाती है, यही वजह है कि राज्य सरकार पंचायत चुनाव कराने से परहेज कर रही है. चुनाव नहीं होने से केंद्र सरकार से जो राशि मिलती है, नहीं मिलेगी, इससे राज्य का नुकसान होगा.
राज्य के नुकसान से सरकार को कोई मतलब नहीं
लेकिन सरकार को इसकी तनिक नहीं चिंता नहीं है. मरांडी ने कहा कि झारखंड में कानून- व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, भ्रष्टाचार चरम पर है, थानों में तो ऐसा लगता है कि यमराज बैठे हो ,बिना पैसा का कुछ होता ही नहीं है. अंचल कार्यालयों मैं तो भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है ,खनिज संपदाओं की चोरी नहीं, लूट हो रही है. पूछने पर उन्होंने कहा कि लूट शब्द का इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं कि यह सब सरकार के संरक्षण में हो रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में एक बार फिर उग्रवादी गतिविधियां बढ़ी है और इसका कारण सरकार की नीति है. अभी हाल ही में गिरिडीह के एक विधायक ने एक उग्रवादी को मुख्यमंत्री से मिलवाया और बाद में उसी की गिरफ्तारी की घोषणा की गई. इन सब का आखिर क्या संदेश जाता है ,विकास की गति तो पूरी तरह से ठप है. भाजपा के लोग यह तय कर चुके हैं कि सड़क पर उतर कर राज्य सरकार के इन करतूतों का विरोध करेंगे ,इसके लिए रूपरेखा तय कर ली गई है.
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एसीसी सीमेंट फैक्ट्री के बर्खास्त 22 मजदूरों को बहाल करने की मांग
धनबाद के एसीसी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा बर्खास्त 22 मजदूरों को बर्खास्तगी निरस्त करने की मांग को लेकर आज धनबाद के भाजपा नेता सह झारखंड विकास श्रमिक संघ के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष धर्मजीत सिंह ने बाबूलाल मरांडी को एक ज्ञापन सौंपा.. और बताया कि फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों के उनके यूनियन में आस्था और समर्पण को देखकर प्रबंधन एक सोची समझी साजिश के तहत संघ के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पहले तो संघ के पदाधिकारियों ,अध्यक्ष व सचिव का दूसरे जगह स्थानांतरण किया उसके बाद संवैधानिक तरीके से जब 30 नवंबर 20 (30-11 -2020) को कंपनी को सूचना देकर जब इसका विरोध किया गया तो कंपनी ने और अलोकतांत्रिक कदम उठाते हुए 22 कर्मियों को सीधे बर्खास्त कर दिया.. जबकि नियम के अनुसार संघ के किसी भी पदाधिकारी को प्रोटेक्टेड वर्कर की श्रेणी में रखा जाता है और उनका स्थानांतरण नहीं किया जाता लेकिन संघ के पदाधिकारियों के हस्तांतरण के मुद्दे पर जब मजदूरों ने इसका विरोध किया तो उन मजदूरों को ही असंवैधानिक तरीके से एसीसी सीमेंट प्रबंधन ने हटाने का काम किया.. उनकी बर्खास्तगी को निरस्त करने के लिए भाजपा नेता सह झारखंड विकास श्रमिक संघ के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष धर्मजीत सिंह ने पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी से गुहार लगाते हुए इस मामले पर राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की.. साथ ही पीड़ित मजदूरों को न्याय दिलाने का आग्रह किया ..
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार सिंह ,ब्यूरो हेड ,धनबाद .
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