टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : होली का त्यौहार है और घर में लोगों की डिमांड जारी है, पुआ-दही बड़ा तो बनना ही है. मीट-कटहल की सब्जी के बिना काम कैसे चलेगा. मिठाइयां पर्व पर नहीं बनेंगी तो कब बनेंगी. दो साल से कोरोना के कारण मिले जुले नहीं, इस होली तो गेट टूगेडर, मेल-मिलाप के सब रिकॉर्ड तोड़ने हैं. उत्साह परवान पर है, पर इसी बीच महिलाएं बाजार की कीमतों और रसोई के डिब्बों पर नजर डाज रहीं. उत्साह परवान पर है तो बाजार में भी जैसे होड़ लगी है, कीमतों में जबर्दस्त उछाल है. ऐसे में अच्छी खासी कमाई वाली फैमिली में भी महिलाओं के दिल का हाल ये गाना बयां करता है – सखी सैंया तो खूब ही कमात है, महंगाई डायन खात जात है-
जानिए क्या है रांची के बाजार का हाल –
सबसे पहले करें बात सब्जियों की. बाजार में इन दिनों कटहल खूब मिल रहे. कीमत है 60 से 70 रुपए के बीच. वहीं टमाटर 25 से 35 रुपए प्रति किलो कीमत पर घूमता रहता है. शिमला मिर्च 60-65 रुपए, करेला 50, गोभी 40-45, फ्रेंचबीन 45 की कीमत पर मिल रहे हैं. लहसून 80 से 120 रुपए किलो मिल रहे. वहीं परवल 140-150 रुपए किलो बिक रहा. सब्जियों के बाद बाद तेल की. सरसो तेल 175 से 185 रुपए प्रति लीटर मिल रहा. वहीं रिफाइंड तेल 135 से 145 रुपए प्रति लीटर मिल रहा. उड़द दाल 95-100 रुपए तो मूंग दाल 90 से 95 रुपए प्रति किलो मिल रही. मूंगफली 140 से 160 रुपए प्रति किलो और काबुली चना 90 रुपए प्रति किलो मिल रहा.
इनका कहना है
इस बाबत जब हमने रागरंग इंस्टीट्यूट में बच्चों के साथ आयी महिलाओं ( कविता सिंह, रजनी, विभा सिंह, पम्मी तिवारी, सुदेशना, सुष्मिता आदि) और इंस्सेटीट्यूट की डायरेक्टर प्रीति सिन्हा से जब बात की तो उत्साह उमंग के बीच बजट को लेकर भी चर्चा हुई. महिलाओं ने कहा कि कपड़े की बात हो या राशन के तेल-दाल की, कीमतें तो लगातार उछाल पर हैं. दो साल बाद त्यौहार सलीके से मनेगा तो डिमांड सबकी पूरी करनी है. बच्चों की पंसद के छोले भटूरे, पति की दही भल्ले-मटन, सासु मां का पंसदीदा पुआ और ढ़ेर सारे ड्राइफूट्स वाली खीर…सब बनाउंगी. आसपड़ोस और रिश्तेदारों को भी बुलाउंगी. बजट का रोना तो साल भर का है. फिर सब मैनेज करेंगे.
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