दुमका ( DUMKA) : देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सैनिक के परिजन जब दाने दाने के मोहताज हो जाए तो व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजमी हो जाता है. हम बात कर रहे हैं, दुमका के शिवपहड़ मोहल्ला के एक ऐसे सैनिक की जो अब तो उस दुनिया में तो नहीं है लेकिन उनकी विधवा आज दाने दाने को मोहताज है.
स्व. सुधीर मोहन दत्ता की विधवा दाने दाने को मोहताज
स्व. सुधीर मोहन दत्ता ने देश सेवा के साथ द्वितीय विश्व युद्ध मे भाग लिया था. सेवा निवृति के बाद 1986 में उनकी मौत हो गयी थी. मृत्यु के बाद परिजन के अथक प्रयास से वर्ष 2011 से उनकी विधवा सोभा रानी दत्ता को पेंशन मिलना शुरू हुआ. 10 हजार रुपये प्रतिमाह के दर से 3 महीने पर 30 हजार रुपये इनके खाता में आने लगा था, लेकिन विगत 6 महीने से इन्हें पेंशन नहीं मिल पाई है. जीवन के शतक लगा चुकी शोभा रानी दत्ता आज दाने-दाने को मोहताज है, साथ ही समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है.
शोभा रानी जैसी अन्य विधवा भी हैं परेशान
सैनिक कल्याण कार्यालय में अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण से शोभा रानी जैसी कई अन्य देश की सेवा में शहीद हुए विधवाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शोभा रानी ही नहीं जिले में 5 ऐसी विधवा है जिनके पति द्वितीय विश्व युद्ध में भाग ले चुके हैं, देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर चुके हैं, लेकिन कमोबेस में सभी की हालात व्यवस्था पर उंगली उठाने का एक बड़ा कारण बन रहा है.
शोभा रानी से मिलने पहुंचे एसडीओ महेश्वर महतो
जानकारी मिलने पर आज एसडीओ महेश्वर महतो शोभा रानी दत्ता से मिलने पहुंचे और उनका मेडिकल चेकअप करवाने चिकित्सक के पास ले गए थे, चेकअप के बाद उन्हे दवाई दिलाई गई. एक बोरा चावल और कुछ फल के साथ मदद का भरोसा दिया गया. लेकिन पेंशन चालू तभी होगी जब जिले में अधिकारी की नियुक्ति होगी और नियुक्ति सरकार के स्तर से होती है, इसीलिए परिजन सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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