जमशेदपुर :  पूर्वी सिंहभूम के प्रभारी सिविल सर्जन डा.अरविंद कुमार  लाल को झारखंड सरकार ने बर्खास्त कर दिया .30मार्च को कैबिनेट की बैठक में उनकी बर्खास्तगी पर मुहर लग गई.उन पर सरकारी पद में रहते हुए बगैर इस्तीफा दिए 2005में बिहार के झंझारपुर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के आरोप थे.कैबिनेट की बैठक के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है--डा अरविंद कुमार लाल, तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,जारं वैशाली  बिहार संप्रति  प्रभारी सिविर सर्जन, जमशेदपुर को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गई.

13सालों से चल रही थी जांच, स्पष्टीकरण मांगने पर करते थे टालमटोल

अपनी तरह का यह अनोखा मामला है जहां 13सालों से जांच चल रही थी.जांच में दोषी पाने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही थी.2009में ये मामला सबसे पहले उठा तब झारखंड सरकार ने एक विभागीय कमेटी बनाई.कमेटी ने आरोपों को सही पाया.जब डा एके लाल ने झंझारपुर, बिहार से चुनाव लड़ा तब वे बिहार के वैशाली जिले में पदस्थापित थे.बाद में वे झारखंड आ गए.विभागीय कमेटी की जांच में आरोप सही पाए जाने पर तीन तीन बार उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया लेकिन वे टालते रहे.

सरयू राय ने विधानसभा में उठाया था मामला 

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने न सिर्फ लगातार इस मामले को लगातार विधानसभा में उठाया बल्कि पंचम विधानसभा के बजट सत्र में डा ए.के. लाल की बर्खास्तगी की फाइल को दबाने का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया.इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने बर्खास्तगी की सहमति प्रदान कर दी.उसके बाद प्रक्रिया के तहत इसे झारखंड लोक सेला आयोग के पास सहमति के लिए भेजा गया,वहां से मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट में लाया गया और अंतत: बर्खास्तगी हुई.