धनबाद(DHANBAD): झरिया में न केवल गोलियां तड़तड़ाती हैं, यहां भूमिगत आग आदमी को निगल लेता है. इतना ही नहीं यहां की सड़कें भी लोगों के हाथ- पैर तोड़ती है. हैरत में मत पढ़िए, ऊपर बताई गई बातें 16 आने सच है. आप कहेंगे कैसे ? तो हम बता देते हैं. आप भी अगर धनबाद से झरिया या झरिया से धनबाद की ओर रात के अंधेरे में दो पहिया वाहन से आना-जाना करते हैं तो पूरी तरह से सावधान रहिए, नहीं तो सड़कें आपके भी हाथ- पैर तोड़ने के लिए इंतजार कर रही है. सड़क की हालत के वीडियो 29 मार्च का है लेकिन The Newspost के हाथ ये वीडियो आज लगा है. कभी भी आपके वाहन फिसलकर गिर सकते हैं और आप अस्पताल पहुंच सकते हैं.
बस्ताकोला में आरएसपी कॉलेज के समीप का हाल
ये सब घटना होता है बस्ताकोला में आरएसपी कॉलेज के समीप. दरअसल ,बस्ताकोला एरिया के राजपुर परियोजना से कोयला हाईवा के जरिए ट्रांसपोर्टिंग के लिए रेलवे साइडिंग ले जाया जाता है. हाईवा राजपुर परियोजना से निकलकर विकास भवन, क्षेत्रीय कार्यालय एरिया के सामने झरिया- धनबाद मुख्य सड़क पर निकलते हुए रेलवे साइडिंग को जाता है. परियोजना की सड़क कच्ची होने के कारण हाईवा के चक्के में मिट्टी फंसकर मुख्य सड़क के कम से कम एक सौ मीटर की लंबाई तक गिरती जाती है. बीसीसीएल रोज धूल न उड़े ,इसके लिए जल छिड़काव कर देती है. नतीजा होता है कि सड़क फिसलन हो जाता है और बेचारे दोपहिया सवार गुजरते ही गिर जाते है. प्रतिदिन रात को जल छिड़काव के बाद यही हो रहा है. बीसीसीएल सड़क की सफाई नहीं कराती है.
दिन में तो बच जाते लेकिन रात को सड़कें नहीं छोड़ती
दिन में तो लोग सावधानीपूर्वक पार कर जाते हैं लेकिन रात के अंधेरे में सड़क पर उनका दो पहिया वाहन थोड़ी भी असावधानी होने पर पलट जाता है. ऐसी बात नहीं कि सड़क से बीसीसीएल के अधिकारी नहीं गुजरते हैं या वह नहीं जानते हैं कि रोज क्या हो रहा है बावजूद सड़क पर मिट्टी जमी रहती है. इतना ही नहीं, बात-बात में रंगदारी के लिए कोयला उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग ठप करने वाले नेता (चाहे वह किसी भी दल के हो) रोज इसी सड़क से आते -जाते हैं लेकिन उन्हें यह सब दिखाई नहीं देता. हां ,अगर यहां से रंगदारी मिलनी होती या फिर वर्चस्व कायम करना होता तो आंदोलन भी होता, सड़क जाम भी होती और सड़क की सफाई भी होती रहती.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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