देवघर (DEOGHAR) : गुलजार की पंक्तियां हैं - आदतन तुम ने कर दिए वादे, आदतन हम ने एतबार किया … नेता-मंत्री के वादे आए दिन होते हैं, पर इन पर एतबार जरा मुश्किल होता है. लेकिन देवघर में सोमवार को जो नजारा दिखा, उसमें एक गंभीर वादा और वादे पर उतना ही गंभीर एतबार भी नजर आया. देखना यह है कि उम्मीदों को बढ़ाने वाला यह वादा दूसरे कई वादों की तरह उम्मीदें तोड़ने वाला तो नहीं साबित होगा.

क्या है मामला

झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के पास आकर अचानक एक दिव्यांग लड़की रोने लगी. दरअसल देवघर के बांका की रहने वाली दोनों पैर से दिव्यांग लड़की वीणा कुमारी एक रोजगार के लिए पिछले 4 साल से प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक का चक्कर लगा रही है. वीणा इंटर तक की पढ़ाई की हुई है और वह ANM की ट्रेनिंग भी ले चुकी है.  द न्यूज पोस्ट से बातचीत के दौरान वीणा ने कहा कि घर में मम्मी, पापा और भाई हैं. पर मैं किसी पर बोझ नही बनना चाहती है. भाई की तरह मैं भी परिवार की आर्थिक रूप से सहायता करना चाहती है. इसीलिए इतनी पढ़ाई की. लेकिन एक रोजगार के लिए वह पिछले 3 - 4 साल से अधिकारियों से गुहार लगा रही हूं. प्रखंड स्तर पर कोई सहायता नहीं मिलती. देख वीणा सोमवार को जिला मुख्यालय डीसी मंजूनाथ भजंत्री से मिलने के लिए पहुँची. लेकिन आज वीणा की किस्मत ने साथ दिया और समाहरणालय में उसे राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख मिल गए. दिव्यांग वीणा मंत्री के सामने ही रोजगार की मांग करने लगी और फूट फूट कर रोने लगी.

पसीज गया मंत्री जी का दिल !

एक दिव्यांग को रोता हुआ देख मंत्री का दिल पसीज गया. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने प्रावधान अनुसार नियम संगत के तहत उचित कार्यवाई करतें हुए वीणा की मदद करने का निर्देश जिला के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को दिया. द न्यूज पोस्ट से बात के दौरान मंत्री ने कहा कि मामले को संज्ञान में लिया गया है. वीणा की मजबूरी को देखते हुए जीवनयापन के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी. मंत्री ने मामले में संवेदनशीलता बरतने का भरोसा दिलया.

बहरहाल देखना यह है कि मंत्री का वादा कितना कारगर होता है.  जहां तक वीणा की बात है, उन्होंने बताया कि मंत्री के आश्वासन के बाद उम्मीद बढ़ गई है. भरोसा है कि जल्द ही मैं आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनूंगी.