धनबाद (DHANBAD)  : सिंफर (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च) पूरे देश में रोपवे  के मेंटेनेंस कार्य को जांचता है. सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही क्षेत्रों के प्रोजेक्ट सिंफर के पास ही आते हैं. सिंफर के सीनियर वैज्ञानिक डॉक्टर डी. बसाक ने 17 मार्च को देवघर रोपवे  के  मेंटेनेंस कार्य को देखा था. डॉक्टर बसाक भी मार्च महीने में पूरे परिवार के साथ त्रिकुट रोपवे का आनंद उठाए थे,  वैज्ञानिक डॉक्टर बसाक की मानें तो देवघर त्रिकुट  रोपवे हादसा में भी रोप में कोई गड़बड़ी नहीं देखी गई थी. रोप का मेंटेनेंस सही था. क्योंकि रोप टूटने से कोई हादसा नहीं हुआ था. जांच के बाद ही गड़बड़ी का पता चल पाएगा.

हादसे के बाद सभी अलर्ट मोड में

त्रिकुट रोपवे हादसे के बाद सभी जगहों से कम्पनियों के कॉल आने भी शुरू हो गए हैं. साइंटिस्ट की माने तो अभी सभी का फोन कॉल और उनके पास प्रोजेक्ट भी आने लगे हैं. चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर बसाक ने कहा कि असम के ब्रह्मपुत्र नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए रोप-वे का प्रयोग होता है. भारी संख्या में लोग दिनभर रोप-वे का इस्तेमाल कर रहे हैं. बकौल डॉक्टर बसाक, उन्होंने पिछले हफ्ते ही ब्रह्मपुत्र नदी पर बने  रोप-वे के मेंटेंस कार्य की समीक्षा कर रिपोर्ट दी है. 

रिर्पोट : रंजना कुमारी (धनबाद)