जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : अपने कलेजे के टुकड़ों को मां-बाप रोज कुछ घंटों के लिए स्कूलों को सौंपते हैं तो एक भरोसा सा मन में होता है कि इस दौरान शिक्षक माता पिता की तरह ही अबोध बच्चों का ख्याल रखेंगे.  इस दौरान भगवान न करे बच्चों के साथ कुछ हो जाए तो अपने बच्चों की तरह उसका ख्याल रखेंगे. क्या अपने बच्चों को शिक्षक दर्द से बिलबिलाते छोड़ सकते हैं? पर कैंपस में एक बार फिर टीचर की ऐसी ही असंवेदनशीलता उजागर हुई है जो बच्ची की जान पर भी भारी पड़ती दिखी. मामला जमशेदपुर का है जहां एक स्कूल में बच्ची घंटों मधुमक्खी के दंश को झेलने के लिए विवश रही. बार-बार टीचर से मदद की गुहार लगाती रही, पर टीचर बजाय उसकी समस्या को दूर करने के, धमकी देकर उसे भयभीत करती रही. जब तक बच्ची घर लौटी, तब तक उसके कोमल शरीर पर कई जगह मधुमक्खियों ने काट लिया था. फिलवक्त बच्ची 15 दिनों से अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है, वहीं माता-पिता अपने कलेजे के टुकड़े को इस तरह तड़पते देख खून के आंसू रो रहे हैं.

शर्ट में घुसा कीड़ा और टीचर की डांट

साकची के टैगोर एकेडमी विद्यालय के कारनामे के कारण मानगो सुभाष कॉलोनी की रहने वाली हर्षिता मौत और जिंदगी के बीच जूझ रही है. मानगो सुभाष कॉलोनी  की रहने वाली हर्षिता चंद्रा टैगोर विद्यालय के कक्षा दो में पढ़ती है. 31 मार्च को जब हर्षिता इंग्लिश डिक्टेशन के क्लास में बैठी थी, तो पढ़ाई के दौरान ही उसे अपनी ड्रेस के भीतर कुछ कीड़ा सा महसूस हुआ. जल्दी ही हर्षिता के कोमल शरीर पर कई जगह मधुकक्खियों ने दंश मारना शुरू कर दिया. दर्द से बिलबिलाती हर्षिता अपने क्लास टीचर के पास गई और बताया कि मैम मेरे कपड़े के अंदर कीड़ा घुस गया जो मुझे काट रहा है. टीचर ने फटकार लगाते हुए भगाते हुए कहा कि हल्ला करोगी तो केजी में नाम लिखवा दूंगी.  नाम काटने के डर से हर्षिता डर गई. इस बीच मधुमक्खियों ने हर्षिता के बदन को काट काट कर छलनी कर दिया. तकलीफ लिए बच्ची घर पहुंची तो मूर्छित होकर गिर पड़ी. उसकी मां ने जब उसका कपड़ा खोला तो उसका पूरा शरीर मधुमक्खियों के काटने से लाल हो गया था. मां ने प्राथमिक उपचार करते हुए पाउडर लगाया. कुछ देर बाद हर्षिता को तेज़ बुखार हो गया.

स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज

मेडिकल दुकान चलाने वाले  उसके पिता दीपक चंद्रा बच्ची को विभिन्न डाक्टरों के पास ले गए जहां से उन्हें टीएमएच  ले जाने की सलाह मिली. हर्षिता के माता पिता ने उसे टाटा मुख्य अस्पताल(टीएमएच) में भर्ती कराया जहां पांच दिन रहने बाद हर्षिता के पिताजी ने पैसे के अभाव में अस्पताल से छुट्टी ले ली .अस्पताल के डॉक्टरों ने  कहा कि हर्षिता पूरी तरह ठीक नहीं हुई है, उसे आप उच्च स्तरीय इलाज के लिए बड़े अस्पताल में ले जाइए.  हर्षिता के माता पिता अपनी बेटी को लेकर चिंतित हैं. घटना की सूचना पर पहुंचे विकास सिंह बच्ची के पिता दीपक चंद्रा और अन्य लोगों के साथ साकची थाने पहुंचे जहां पिता के बयान पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया.वहीं स्कूल की प्राचार्या एम मजूमदार ने कहा कि स्कूल प्रबंधन बच्ची के साथ है.इस संबंध में कोई शिकायत नहीं आई है.वहीं मधुमक्खी के संबंध में प्राचार्या ने कहा कि बगल की बिल्डिंग से आ जाती है जिसे कई बार भगाने का प्रयास भी किया गया है.

रिपोर्ट : अन्नी अमृता,ब्यूरो हेड / रंजीत ओझा, जमशेदपुर