रांची(RANCHI): राज्य में सम्भवतः ये पहला मामला है जब एक आयोग ने किसी ज़िलाधिकारी के कार्यशैली से नाराज़ होकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की हो. मामला गोड्डा जिले का है जहां खाद्य आपूर्ति और भंडारण में अनियमितता पाए जाने के बाद  राज्य खाद्य आयोग द्वारा डीसी से  जबाब तलब की गई थी. लेकिन आयोग के द्वारा किसी भी पत्रचार का कोई जबाब नहीं दिया गया. लिहाज़ा आयोग ने डीसी के इस आचरण को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है.

आयोग के निर्देश को उपायुक्त ने किया अनसुना

ठीक ऐसा ही मामला गोड्डा जिले का है. जहां खाद्य आयोग ने गोड्डा उपायुक्त भोर सिंह यादव के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की है. दरअसल, झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने गोड्डा जिले के भ्रमण के क्रम में सुंदर पहाड़ी प्रखण्ड का निरीक्षण किया था. इस दौरान नमक एवं चीनी के वितरण एवं रख-रखाव में अनियमितता एवं लापरवाही पाई गई. जिसके बाद बार-बार पत्राचार के बाद भी उपायुक्त ने आयोग की शिकायत के बावजूद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद मामले को लेकर झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने बैठक की, जिसकी अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने की. बैठक में इस स्थिति को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया गया. आयोग ने प्रधान सचिव, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, झारखण्ड रांची को पत्र लिख कर गोड्डा उपायुक्त के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. गौरतलब है कि राज्य में इस तरह का यह पहला मामला है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 25 नवंबर 2021 को झारखण्ड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष गोड्डा जिले के भ्रमण पर थे. इस दौरान उन्होंने सुन्दरपहाडी प्रखण्ड का स्थल निरीक्षण के दौरान नमक एवं चीनी के वितरण एवं रख-रखाव में अनियमितता एवं लापरवाही पाया.  इसके बाद 26 नवंबर 2021 को पत्र लिखकर उन्होंने गोड्डा उपायुक्त भोर सिंह यादव को इस मामले पर कार्रवाई करते हुए आयोग को पूरी जानकारी से अवगत कराने का निर्देश दिया. मगर, गोड्डा उपायुक्त ने किसी प्रकार का कोई जवाब आयोग को नहीं भेजा. इसके बाद आयोग ने फिर से 9 दिसंबर 2021 को उपायुक्त को पत्र लिखा. मगर, इस बार भी उपायुक्त की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. इसके बाद 17 जनवरी 2022 को आयोग ने अर्द्ध सरकारी पत्र भेजकर उपायुक्त को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा. मगर, इस बार भी उपायुक्त की ओर से कोई जवाब आयोग को प्राप्त नहीं हुआ. इसके बाद आयोग ने बैठक कर गोड्डा उपायुक्त भोर सिंह यादव के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा कार्मिक विभाग से की है.