धनबाद(DHANBAD):   धनबाद कोयलांचल का दुर्भाग्य है कि विकास की दिशा में एक कदम आगे बढ़ता है तो फिर तीन कदम पीछे कर दिया जाता है.  योजनाएं तो बनती है ,घोषणाएं होती है, क्रेडिट लेने के लिए मारामारी होती है लेकिन जमीन पर योजनाएं उतर नहीं पति.  नतीजा है कि धनबाद जहां था ,वहीं खड़ा दिखता है.  ताजा मामला है गया पुल के पास प्रस्तावित नए अंडरपास निर्माण का. जानकारी के अनुसार इस अंडरपास के निर्माण में पेंच फिर फंस गया है. 

पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर रेल मंडल ने राइट्स की जनरल अरेंजमेंट ऑफ ड्राइंग रिपोर्ट की कई बिंदुओं पर आपत्ति की है.  यह रिपोर्ट धनबाद रेल मंडल व पथ निर्माण विभाग को वापस कर दी गई है. रेल मंडल प्रबंधन ने एनओसी देने से पहले उठाए गए बिंदुओं पर राइट्स हाईवे डिवीजन से क्लीयरेंस रिपोर्ट मांगी है. राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में पुश बैक  मेथड से अंडरपास निर्माण का उल्लेख किया है.  हाजीपुर रेलवे अंडरपास बनाने से पहले  केंद्र सरकार के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से सुझाव को रिपोर्ट में शामिल करने को कहा है.

बता दें कि श्रमिक चौक के पास पुराने अंडरपास के पश्चिम दिशा में रेलवे गोदाम के समीप रेलवे अंडरपास निर्माण का प्रस्ताव है, इसमें रेलवे लाइन के नीचे 40 मीटर लंबा 12 मीटर चौड़ा अंडरपास बनाया जाना है.  इसमें पारपथ  सहित अन्य चीजों का निर्माण किया जाना है.  राइट्स ने हाल के दिनों में इसका डीपीआर भी जिला प्रशासन  दिया है ,जिसमें 19. 29 करोड़ का खर्च बताया गया है.  

आप भी जानना चाहेंगे कि पुशबैक मेथड क्या है -तो जानकार बताते हैं की पुशबैक मेथड  अंडरपास निर्माण का नया स्वरूप है, जिसमें अंडरपास का बॉक्स बाहर में ढलाई कर   तैयार किया जाता है.  अंडरपास निर्माण की योजना के आधार पर बॉक्स की चौड़ाई व लंबाई निर्धारित की जाती है ,रेलवे लाइन के नीचे मिट्टी हटाकर खाका तैयार कर अंडरपास बॉक्स को फिट कर दिया जाता है.  इसके बाद अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाता है.  इसके लिए रेल लाइन को कुछ ही घंटों के लिए बंद करना पड़ता है.  

इधर ,अंडरपास की डीपीआर को नकारे जाने से जिले के व्यवसाई नाराज है.  बैंक मोड चेंबर के अध्यक्ष प्रभात सुरोलिया ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए जनप्रतिनिधियों से हस्तक्षेप की मांग की है.  सुरोलिया ने कहा है कि रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व धनबाद से मिलता है बावजूद रेलवे धनबाद के विकास में रोड़ा बना हुआ है.  अथक प्रयास के बाद सारी अड़चनें दूर हुई और गया पुल के बगल में अंडरपास बनाने की उम्मीद जगी थी लेकिन इसमें फिर पेंच फंस गया है.

अंडरपास  में पेंच  फसने को लेकर धनबाद के लोग आंदोलन के मूड में है. जनप्रतिनिधि भी खासे नाराज है.  बैंक मोरे  चैम्बर  के महासचिव प्रमोद गोयल का मानना है कि धनबाद के लोगों को बहलाने -फुसलाने का   खेल किया जा रहा है.  रेलवे की एजेंसी ने ही डीपीआर बनाई और फिर उसी रेलवे ने इसे वापस किया ,इसे धनबाद के लोगों को समझना पड़ेगा कि इसके पीछे आखिर खेल क्या है. बैंक मोड चैम्बर  के अध्यक्ष प्रभात सुरोलिया ने कहा कि इस पूरे मामले को देखने से ऐसा लगता है कि दाल में कुछ काला है, हम निराश जरूर हुए हैं लेकिन हिम्मत नहीं हारे  हैं ,इस अंडरपास के लिए जो भी, जितना भी बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा, बैंक मोड़ चेंबर करेगा और रेलवे को  बनाने की अनुमति देनी ही होगी.

विधायक राज सिन्हा ने कहा कि हम लोग इस में लगे हुए हैं और रेलवे की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. धनबाद के डीसी साहब से बात करके हम बस्तुस्थिति जानेंगे और फिर उसके अनुसार आगे काम करेंगे. सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि रेलवे के तकनीकी संस्थान ने ही डीपीआर तैयार किया और फिर रेलवे ने ही उसमें पेच फंसा दिया, यह समझ से परे है.  अंडरपास का निर्माण उनकी प्राथमिकता सूची में है और हर हाल में अंडरपास का निर्माण होकर ही रहेगा.


रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह / प्रकाश कुमार, धनबाद