चाईबासा (CHAIBASA) : जरा सोचिए जब क्षेत्र में गर्मी का पारा इतना ज्यादा है तो Iron ore की गर्मी कितनी भयंकर होगी. उसी को देखते हुए मांइस में गर्मी बढ़ते ही खान सुरक्षा निदेशक ने दिन में 4 घंटे मजदूरों से काम ना कराने का आदेश दिया है.
खदानों में गर्मी कभी भी हो सकती मजदूरों के लिए घातक
खान सुरक्षा महानिदेशालय के चाईबासा रीजन (प्रक्षेत्र) के खान सुरक्षा निदेशक अलताफ हुसैन अंसारी ने निरंतर बढ़ रही गर्मी के मद्देनजर अपने रीजन के आने वाले झारखण्ड-उड़ीसा के तमाम खादानों के प्रबंधकों को पत्र लिख खदान में काम के घंटे में बदलाव का आदेश दिये हैं. उन्होंने जारी पत्र में कहा है कि इस समय गर्मी चरम पर है. इस समय 42 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक वायुमंडलीय तापमान के दौरान खदान में किसी भी व्यक्ति के कार्य करने से सिर का हिलना या शरीर से पानी की भारी हानि या हीट स्ट्रोक आदि हो सकता है, जो खतरनाक परिणाम के साथ-साथ, कभी-कभी घातक हो सकता है. यह स्थिति पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 03 बजे के बीच चरम पर हो जाती है.
AC में बैठने वालों पर आदेश नहीं होगा लागू
विभिन्न खनन क्षेत्रों में कुछ मामले पहले ही सामने आ चुके हैं. उन्होंने आग्रह किया है कि खदान में किसी भी स्थान पर सुबह 11 बजे से दोपहर 03 बजे के बीच 42 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक वायुमंडलीय तापमान में किसी व्यक्ति को तैनात न करें. यह शर्त वैसे ऑपरेटरों, टिपर, डंपर या लोडिंग मशीन या किसी अन्य एचईएमएम के फील्ड ऑफिस/केबिन आदि के एयर कंडीशनर कक्षों में काम करने वाले व्यक्ति पर लागू नहीं होगी.इस आदेश की किसी भी अवज्ञा को बहुत गंभीरता से देखा जाना चाहिए.
रिपोर्ट: संदीप गुप्ता, गुवा/चाईबासा
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