दुमका(DUMKA): झारखंड सरकार ने कैबिनेट से 1932 के खतियान को झारखंडियों का आधार मानते हुए पारित कर दिया है. सरकार के इस निर्णय को लेकर दुमका में राजनीतिक पारा चरम पर है. पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी दलीलें दे रहा है. सत्ताधारी दल के विधायक प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने दुमका स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के बाद कल का दिन ऐतिहासिक था. 1932 और ओबीसी आरक्षण को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा कि झामुमो का जो चुनावी घोषणा पत्र था वह उन्होंने पूरा किया. राज्य बनने के 22 वर्षों तक यह मुद्दा महज पॉलिटिकल मुद्दा बन कर रह गया था. खासकर बीजेपी इसे राजनीतिक मुद्दा ही समझ रही थी. लेकिन, झामुमो ने इसे साबित कर दिया कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं था.  झारखंड बनने से झारखंडियों को क्या फायदा मिला, यह सवाल अक्सर आम जनता पूछती थी. लेकिन, उन लोगों को इसका जवाब कल मिल गया.

“बाहरियों के लिए भी सोचेगी सरकार”

उन्होंने कहा कि यहां जो बाहर से आए हैं उन्हें हाशिए पर सरकार नहीं रखेगी. उनके लिए भी सोचेंगे. हम बाहरी भीतरी की बात नहीं करते हैं. जो समस्या आएगी उसका समाधान होगा. पूर्व के रघुवर सरकार द्वारा पारित स्थानीय नीति को अभी तक निरस्त नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब नया लागू होगा तो पुराना स्वतः समाप्त हो जाएगा. विपक्ष का काम है विरोध करना. अब जब 1932 का खतियान लागू हो गया तो आने वाले समय में झामुमो को इसका बहुत फायदा होगा.

भाजपा ने किया पलटवार

वहीं कैबिनेट से पारित 1932 के खतियान पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ महीने पहले बयान दिया था कि 1932 का खतियान लागू नहीं हो सकता है. इसके बावजूद अगर यह कैबिनेट से पास कर दिया गया तो हम यही कह सकते हैं कि आम जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए झामुमो ने पीएचडी की डिग्री हासिल कर रखी है. लेकिन उन्हें कहेंगे कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर आम जनता को दिग्भ्रमित ना करें. आम लोगों से भी निवेदन होगा कि समझ बुझ कर ही आगे बढ़े. क्योंकि झामुमो ने शुरू से ही झूठ की राजनीति किया है. उसी की एक कड़ी कैबिनेट से पारित 1932 का खतियान है. वैसे भाजपा हमेशा जनता के साथ रही है. इस मुद्दे पर ही जनता के साथ खड़ा रहेगा.

रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका