गुमला(GUMLA) जिला में डायन के प्रथा को समाप्त करने के लिए और इससे होने वाली मौत को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान शुरू किया गया है इसको लेकर नगर भवन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें समाज कल्याण विभाग की विभिन्न कर्मियों को एक साथ बैठाकर कैसे इलाके में डायन प्रथा को समाप्त किया जाए और बेकसूर लोगों की जान को बचाया जा सके उसको लेकर चर्चा की गई. आयोजित कार्यक्रम में जिला के तमाम प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ-साथ महिला संगठन के कई सदस्य मौजूद रहे. इस कार्यक्रम के दौरान विस्तार पूर्वक चर्चा हुई कि आखिरकार इलाके में डायन बिसाही के कारण होने वाली मौत को कैसे रोका जा सकता है. बता दें कि लगातार इस तरह की घटनाएं होती रहती है और उसके बाद केवल कार्रवाई करके मामले को छोड़ दिया जाता है. इस कार्यक्रम में प्रशासनिक पदाधिकारियों के अलावा न्याय स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हुए. मौके पर उन्होंने लोगों को कानूनी पक्ष की जानकारी देने के साथ-साथ डायन बिसाही को बढ़ावा देने वालों पर होने वाली कानून सजा के बारे में भी जानकारी दी.
बडे पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की ज़रूरत
लंबे समय से डायन बिसाही के रोकथाम को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने का काम करने वाले गैर सरकारी संगठन के सदस्यों की मानें तो निश्चित रूप से ग्रामीण स्तर पर जिस व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए, वैसा नहीं चल पाता है. जिसके कारण आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में डायन बिसाही के कारण लोगों की जानें जा रही है. प्रशासन की ओर से लगातार इस दिशा में कार्रवाई के साथ ही ग्रामीण स्तर पर एक टीम बनाए जाने की आवश्यकता हैं. जो कि नियमित रूप से लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगी. इसके बाद ही डायन विषय की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाया जा सकता हैं.
प्रशासन के लिए समाजिक सहयोग जरूरी
जिले के उपायुक्त ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रशासन डायन बिसाही को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में काफी बेहतर काम कर रही हैं. इसके लिए सामाजिक सहयोग की भी आवश्यकता है.समाज के लोग अगर पूरी इमानदारी के साथ प्रशासन को सहयोग करें तो निश्चित रूप से डायन बिसाही के कारण मरने वाले लोगों की संख्या में पूरी तरह से कमी की जा सकती है.
रिपोर्ट:सुशील कुमार सिंह,गुमला
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