हिमाचल प्रदेश (HIMACHAL PRADESH ) के किन्नौर जिला से झारखण्ड के श्रमिकों के लौटने का सिलसिला जारी है. अब तक चार जत्थों में कुल 61 श्रमिकों की वापसी हो चुकी है. सभी श्रमिक खूंटी, तोरपा, बंदगांव आदि क्षेत्र के निवासी हैं. ये श्रमिक हिमाचल प्रदेश स्थित राठी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में काम करने गए थे. मालूम हो कि बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में झारखण्ड के श्रमिकों के साथ मारपीट की घटना हुई थी. उस घटना के बाद श्रमिकों ने वापस लौटने की गुहार लगाई थी. मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री को मिली तो उन्होंने मजदूरों को सकुशल वापस लाने के निर्देश दिए थे. 

बकाया वेतन खाते में

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद श्रम विभाग के  राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी से बात कर मजदूरों की वापसी सुनिश्चित कराई. राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद हिमाचल प्रदेश स्थित कंपनी प्रबंधन ने भी मजदूरों को वापस भेजने पर सहमति जताई. श्रमिकों का बकाया वेतन भी उनके बैंक खाते में भेज दिया जा रहा है. वापस लौटने के बाद श्रमिक एतवा मुंडा ने बताया कि और भी लोग वापस आने की तैयारी कर रहे हैं. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की काउंसलर रजनी तापे ने बताया कि राठी हाईड्रोप्रोजेक्ट पावर प्राईवेट लिमिटेड के प्रमुख धर्मेंद्र राठी से लगातार संपर्क रखा गया है. श्रमिकों की वापसी में आ रही अड़चनों को दूर किया जा रहा है. अभी जितने मजदूर हिमाचल प्रदेश में रह गए हैं उन्हें भी समूहों में वापस भेजने की तैयारी की जा रही है. जितने भी श्रमिक वापस आ रहे हैं, कंपनी के प्रमुख उसकी सूचना खुद प्रवासी नियंत्रण कक्ष को लगातार भेज रहे हैं. वापस पहुंचने वाले सभी श्रमिकों ने झारखंड के मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष को धन्यवाद दिया है.

रिपोर्ट : रंजना कुमारी(रांची ब्यूरो)