दुमका (DUMKA) जिला के जरमुंडी प्रखंड के बनवारा उच्च विद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. विद्यालय में बच्चों के लिए बैठने के पढ़ने के लिए क्लासरूम में बेंच नहीं हैं. बता दें कि यहां तो छात्राओं के लिए अलग से एक टॉयलेट का भी प्रबंध नहीं किया गया है. अब स्कूल की ऐसी हालत देख कर हम और उम्मीद भी क्या कर सकते हैं. लेकिन आपको ये बताना ज़रूरी हैं कि कोरोना की तीसरी लहार में बच्चों के बीच सबसे ज़्यदा संक्रमण की आशंका जताई गयी है. ऐसे में स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल में पढ़ने के लिए आ रहे बच्चो के लिए कोरोना गाइड लाइन का पालन करवाना बहुत अवश्यक बन गया है. सब जान के भी अंजान बने प्रबंधक को तो इन बच्चों की जैसे किसी को पड़ी ही नहीं हैं. बच्चे आम दिनों के तरह स्कूल आ रहे हैं, ज़मीन पर एक साथ बैठ पढाई कर रहे हैं और घर जा रहे हैं. यहां ना मास्क लगाए कोई दिख रहा और ना ही कोई सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते हुए.

शौचालय में तटके ताले

छात्राओं से पूछने पर पता चला विद्यालय में शौचालय बनाया गया है लेकिन अक्सर उस में ताले लगे रहते हैं. बैठने के लिए बेंच की व्यवस्थाएं नहीं है. ऐसे में ज्यादातर छात्र छात्राएं जमीन में बैठकर पढ़ाई करती हैं. चापाकल का निर्माण विद्यालय के बगल में कराया गया है और उसमें बने सोख्ता में ढक्कन तक नहीं लगाया गया. इसके कारण कभी भी हादसा हो सकता है.

झूठा सच

स्कूल के प्रधानाध्यापक राकेश चंद्र झा का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन तो कराया जा रहा है, लेकिन छात्र-छात्राएं मानने को तैयार नहीं हैं. रही बात शौचालय की, तो वह खुला हुआ है, लेकिन the news post की टीम ने जब पड़ताल की तो देखा छात्र-छात्राएं कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. वहीं विद्यालय में बने बालिका शौचालय में ताला जड़ा हुआ है. साथ ही बालक शौचालय में गंदगी का अंबार है.

रिपोर्ट : सुतिब्रो गोस्वामी, दुमका/जरमुंडी