दुमका (DUMKA)-लगभग एक सप्ताह पहले 18 अक्टूबर को दुमका शहर के मारवाड़ी चौक के पास गणपति ज्वेलर्स में हथियारबंद अपराधियों ने लूट का असफल प्रयास किया था. अपने आपको घिरता देख अपराधियों द्वारा गोली भी चलाई गई थी. जिसके बाद 1 सप्ताह तक चले पुलिसिया अनुसंधान में पुलिस को कोई बड़ी सफलता तो हाथ नहीं लगी, लेकिन कई अहम खुलासे जरूर हुए हैं. दुमका में लूट कांड का तार बिहार के रास्ते देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है.
पूछताछ में सामने आए कई राज़
झारखंड की उपराजधानी दुमका इन तीनों अशांत है. अपराधी दिनदहाड़े घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता है. पुलिसिया अनुसंधान में कुछ मामलों का खुलासा भी होता है, लेकिन कई मामले आज भी फाइलों में पड़ा हुआ है. पूरे 1 सप्ताह पूर्व 18 अक्टूबर को शहर के मारवाड़ी चौक के समीप हथियारबंद अपराधियों ने गणपति ज्वेलर्स में लूट का असफल प्रयास किया था. दुकान मालिक ने जान की परवाह किए बगैर पिस्टल के साथ एक अपराधी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. अपने आपको घिरता देख अपराधी ने गोली भी चलाई लेकिन दुकान मालिक संजय वर्मा बाल-बाल बच गए. पुलिस गिरफ्त में आए अपराधी की पहचान बिहार के खगड़िया के अलौली थाना निवासी सुनील मुखिया के रूप में हुई. पूछताछ के दौरान सुनील ने पुलिस के सामने कई राज उगले. सुनील की निशानदेही पर नगर थाना की पुलिस ने हंसडीहा थाना क्षेत्र के भदवारी नोनीहाट निवासी प्रकाश मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अपने स्वीकारोक्ति बयान में प्रकाश ने कई अहम खुलासे किए हैं, जिससे लूट कांड का तार दुमका से बिहार के रास्ते दिल्ली तक पहुंच गया.
अहम खुलासा
दरअसल इस घटना को एक संगठित अंतर प्रांतीय गिरोह द्वारा अंजाम देने का प्रयास किया था. जिसका मास्टरमाइंड बॉम्बे यादव है. बॉम्बे यादव मूल रूप से कहां का रहने वाला है यह तो किसी को पता नहीं लेकिन पुलिस को जो साक्ष्य मिले हैं, उसमें उसका पता दिल्ली का है. सूत्रों की मानें तो दिल्ली में उसका कपड़े की दुकान भी है. जेल भेजे गए अपराधी प्रकाश मंडल के अनुसार लगभग 15 वर्ष पूर्व बॉम्बे यादव हंसडीहा थाना के अर्जुना पहाड़ी गांव में एक मकान किराए पर लेकर रहने लगा. वह अपने आप को रेलवे का ठेकेदार बताकर कमरा मिला था. उसी क्रम में प्रकाश की दोस्ती बॉम्बे यादव से हुई. बॉम्बे अपने साथ प्रायः कुछ लड़कों को लेकर आता था. नवंबर 2020 में गिरोह द्वारा पत्तावाड़ी चौक के पास एक मुर्गी गाड़ी में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था जिसमें चालक को गोली मारकर घायल कर दिया गया था. प्रकाश की गिरफ्तारी के पूर्व उस कांड का उद्भेदन करने में पुलिस विफल रही थी, जिससे गिरोह का हौसला और बढ़ गया और दुमका को सेफ जोन समझने लगा.
लूट योजना
दुर्गा पूजा के समय बॉम्बे अपने साथ सुनील मुखिया, चंदन सोनार, अभिषेक और मनोज राय को लेकर नोनीहाट पहुंचा और प्रकाश मंडल से मिलकर मारवाड़ी चौक के पास गणपति ज्वेलर्स में लूट की योजना के बारे में बताया. योजना के अनुरूप 18 अक्टूबर को बॉम्बे यादव, चंदन सोनार, सुनील मुखिया और अभिषेक लूट के इरादे से गणपति ज्वेलर्स पहुंचे जबकि प्रकाश मंडल मनोज राय के साथ पूसारो पुल के पास इंतजार करने लगा. लेकिन दुकान मालक की अदम्य साहस के बदौलत लुटेरा अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाया और सुनील मुखिया को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. गिरोह के सदस्य मनोज राय, अभिषेक और चंदन सोनार बिहार के समस्तीपुर जिला का रहने वाला है. पुलिस सूत्रों की माने तो अभिषेक और चंदन सोनार समस्तीपुर जिला में आतंक का पर्याय माना जाता है. साथ ही बिहार एसटीएफ को भी इन दोनों की तलाश है.
इस तरह हम कह सकते हैं कि झारखंड की उपराजधानी दुमका के गणपति ज्वेलर्स में लूट के प्रयास का तार दुमका से बिहार के रास्ते देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है पुलिस के समक्ष इन अपराधियों की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती है. देखना यह दिलचस्प होगा कि पुलिस कब तक इन अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाती है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका
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