धनबाद (DHANBAD) के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ( पूर्व में पीएमसीएच के नाम से जाना जाता था ) में जापनीज इंसेफेलाइटिस जांच अभी बंद है. अस्पताल प्रबंधन के पास जांच किट नहीं है. सरकार देगी तो जांच शुरू होगी. राज्य के एक बड़े अस्पताल का यह हाल है. यह बातें हम नहीं कह रहे ,बल्कि सिविल सर्जन डॉक्टर श्याम किशोर कांत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने उम्मीद जताई कि किट आने में अभी 15 दिन लग सकते हैं. इधर धनबाद में चमकी बुखार की अफवाह जोरों पर है. बच्चे अगर हाई फीवर से या शरीर में ऐठन से प्रभावित होते हैं तो पहले अभिभावक चमकी बुखार ही समझ लेते हैं,
धनबाद में चमकी बुखार के केस नहीं
हालांकि सिविल सर्जन का दावा है कि धनबाद में चमकी बुखार नहीं है. यहां जो बुखार हो रहा है, उसे मस्तिष्क ज्वर कहा जा सकता है. यह छुआछूत की बीमारी नहीं है लेकिन मच्छर इसे फैलाते हैं. उसी तरह जैसे डेंगू मच्छर से फैलता है, उसी तरह ये भी फैलता है. इसलिए मच्छरों के प्रजनन को रोकना ही इसका सबसे बेहतर उपाय है. वैसे जिले के हर एक भागों का सर्वे कराया गया है लेकिन चमकी बुखार के मामले सामने नहीं आए है. मस्तिष्क ज्वर (एईएस) से पिछले 2 महीने में कुल 4 बच्चों की मौत हुई है, जिनमें एक गिरिडीह का रहने वाला था जबकि तीन बच्चो में एक निरसा, एक टुंडी और बरवा गोविंदपुर के थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 01 से 15 साल के बच्चे और किशोर इससे प्रभावित होते हैं. धनबाद में छिटफुट मामले ही सामने आए हैं, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (जापानी बुखार) को लेकर धनबाद जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तत्पर है और बीमारी को रोकने के सारे उपाय किए जा रहे हैं
प्रदूषित पानी के कारण फ़ैल रहा है डायरिया
निरसा व टुंडी में डायरिया के प्रकोप पर सिविल सर्जन का कहना है कि प्रदूषित पानी पीने से यह बीमारी फैली है. निरसा का तो उन्होंने विशेष रूप से नाम लिया और कहा कि तालाब और कुआं का पानी ही लोगों को उपलब्ध है. उसी तालाब का पानी रिस कर चापाकल में जाता है और उसके पीने के बाद लोग बीमार पड़ते हैं. निरसा में देशी शराब की बिक्री का उन्होंने विशेष जिक्र किया और कहा कि महुआ व हड़िया शराब पीने वालों की संख्या अधिक है. हमारी टीम ने गैलन में रखी देशी शराब आदि को नष्ट कर दिया और लोगों को जागरूक कर रही है, कि रहन सहन को सुधारें तो डायरिया नहीं होगा. सिविल सर्जन ने यह भी कहा कि त्योहारी सीजन में कोरोना का खतरा जरूर है, हालांकि उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा को तो हम लोगों में सही ढंग से पार कर लिया लेकिन अभी लोक आस्था का छठ महापर्व बाकी है, और इसमें बाहर से लोग आएंगे ही. ऐसे में विशेष सतर्कता की ज़रूरत है.
रोज 5000 से अधिक की सैंपलिंग
इसके लिए धनबाद टीम ने यह तैयारी की है कि रोज कम से कम 5000 से अधिक लोगों की सैंपलिंग की जाए और अगर कोई पॉजिटिव निकल जाता है तो अब उसे सीधे अस्पताल में भर्ती होना होगा. ठीक होने के बाद ही अस्पताल से उसे छुट्टी मिलेगी. उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को अभी निर्मूल बताया.
रिपोर्ट :अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो हेड (धनबाद )
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