देवघर (DEOGHAR ) जैसे-जैसे दीपावली का समय नजदीक आ रहा है, कुम्हारों द्वारा बड़े पैमाने पर दीया और दीपक बनाया जा रहा है. पहले से कोरोना की मार झेल रहे कुम्हारों की इस वर्ष अत्यधिक भारी बारिश ने कमर तोड़ दी है. आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे कुम्हारों के बीच बारिश की वजह से मिट्टी सहजता से नहीं मिल रही है. ऐसे में अपनी आजीविका चलाने के लिए उन्हें ऊंची कीमत पर दीया और दीपक बनाने के लिए मिट्टी की खरीदारी करनी पड़ रही है.

कड़ी मेहनत कर दीया और दीपक का निर्माण इस उम्मीद से कर रहे हैं कि इस वर्ष उनकी सामानों की बिक्री खूब होगी. लेकिन बाजारों में उपलब्ध चाइनीज सामान उनकी उम्मीद पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं. फिर भी कुम्हारों द्वारा अपने परिवार की सहायता से चाक पर रखे मिट्टी से दीया और दीपक का रूप दिया जा रहा है. पिछले वर्ष कोरोना की वजह से नाम मात्र की बिक्री हुई थी. इस वर्ष बाजार में चहल-पहल रहने से  कुम्हारों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है. दिन रात मेहनत कर दीया बना रहे हैं. कुम्हार द्वारा चाइनीज समान को न खरीद मिट्टी के बने समानों की खरीदारी करने का आग्रह किया जा रहा है. लोग सजग रहेंगे तो कुम्हारों के घर में भी इस वर्ष हर्षोल्लास के साथ दीप प्रज्वलित होगा. 

रिपोर्ट:ऋतुराज सिन्हा (देवघर )