गिरिडीह (GIRIDIH) : सदर प्रखंड के चैताडीह में गिरिडीह सदर अस्पताल के मातृत्व शिशु स्वास्थ इकाई में नर्स और महिला डॉक्टर की लापरवाही जारी है. इसकी बानगी शुक्रवार की देर रात तीन बजे देखने को मिली. इसी मातृत्व शिशु स्वास्थ इकाई में 30 वर्षीय प्रसूता चंचला देवी की मौत इलाज में लापरवाही के कारण हो गई. देर रात हुई मौत के बाद परिजनों ने काफी हंगामा किया. हालांकि, नवजात की हालत बेहतर बतायी जा रही है. परिजनों के हंगामे के डर से ही सहिया चिंता देवी समेत रात की ड्यूटी में तैनात नर्स और डॉक्टर मेघा महर्षि ड्यूटी छोड़ कर वहां से खिसकने में अपनी भलाई समझीं, तीनों को वहां से निकलते देख परिजनों का गुस्सा और भड़क गया. लिहाजा, घटना के बाद परिजनों ने खूब हंगामा किया.

इस दौरान परिजन उस डॉक्टर और नर्स को खोज रहे थे, जिन्होंने मृतक महिला को धनबाद रेफर किया था. वहीं परिजनों का दावा है कि मृतिका चंचला देवी की मौत पहले ही हो गई थी लेकिन मामले को दबाने के लिए डॉक्टर और नर्स ने जानबूझ कर चंचला को धनबाद रेफर कर दिया. परिजनों द्वारा चैताडीह मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र में शनिवार की सुबह भी जमकर हंगामा किया गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद पचम्बा थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और पूरे घटना की जानकारी ली. जानकारी मिलने के बाद पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा भी घटनास्थल पहुंचे और शिशु स्वास्थ केंद्र में लगातार बढ़ती लापरवाही को दूर करने की मांग की.

बच्चा सौंपने के लिए पांच हजार रुपए की मांग!

बीते गुरुवार को दर्द होने के बाद चंचला की मां प्रमिला देवी ने उसे शिशु स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया.  उसी दिन देर शाम करीब नौ बजे चंचला को ऑपरेशन से एक बेटी हुई. शिशु स्वास्थ केंद्र की डॉक्टर मेघा ने चंचला का ऑपरेशन किया. उस वक्त तक मां और नवजात दोनों ठीक थे. बच्चा होने की खुशी पर शिशु केंद्र की एक नर्स और कर्मी ने चंचला देवी से पांच हजार रुपए की मांग की. इस दौरान परिजनों ने आर्थिक हालात खराब होने का हवाला देकर पांच हजार देने से इंकार कर दिया लेकिन बगैर पैसे दिए नर्स और कर्मी ने बच्चा देने से इंकार कर दिया. तब मृतिका की मां और पति गुलाब मिश्रा ने दो हजार रुपए दिए. शुक्रवार की शाम जब चंचला का हालत बिगड़ने लगा तो पति और मां ने इसकी जानकारी नर्स को दी और डॉक्टर को बुलाने को कहा. परिजनों का आरोप है जब डॉक्टर को बुलाने को कहा गया तो नर्स ने पति और मां को डांट कर भगा दिया. इसके बाद मृतिका का हालत और बिगड़ गया. थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई लेकिन परिजनों को इसकी भनक तक नहीं लगी. जब परिजनों द्वारा चंचला को देखने का दवाब दिया गया तो एक नर्स ने देखने के बाद परिजनों को तुरंत रेफर का सुझाव देते हुए कहा कि शरीर में खून की कमी है इसलिए मरीज को लेकर जाएं, जबकि मृतिका की पहले ही मौत हो चुकी थी.

रिपोर्ट: दिनेश कुमार, गिरीडीह