गुमला (GUMLA )घाघरा थाना क्षेत्र के लवादाग गांव के पास जंगल से सटे एक आम पेड़ के नीचे कुख्यात जेजेएमपी नक्सली के प्लाटून कमांडर सुकर उरांव की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या की कह दी गई है. पुलिस को जैसे ही घटना की सूचना मिली शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.वहीं पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.ग्रामीणों के अनुसार जेजेएमपी नक्सली संगठन के उग्रवादी पिछले 10 दिनों से इस इलाके में सक्रिय थे.
ग्रामीणों ने पुलिस को दी सूचना
बीती रात लावादाग के पास नक्सलियों के द्वारा गांव के लोगों से खाना मांग कर खाया और शाम को गांव से बगल में चले गए.अचानक ही रात करीब 12 बजे ताबड़तोड़ गोली चलने की आवाज आई.सुबह में ग्रामीणों ने देखा कि एक युवक की मौत हो गई है. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. घटनास्थल अभियान एसपी मनीष कुमार एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल के अलावे कई पुलिस पदाधिकारी पहुंच कर पूरे मामले की छानबीन में जुटे हुए हैं. जहां पर कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
5 वर्ष पूर्व माओवादी छोड़ जेजेएमपी में हुआ था शामिल
सुकर माओवादी नक्सली संगठन को छोड़कर 2016 में एलएमजी लेकर आया था,जेजेएमपी में हो गया शामिल. जिसके बाद से लगातार कई बार माओवादी और जेजेएमपी की मुठभेड़ भी हुई. जिसमें कई माओवादियों की मौत हुई थी. घाघरा थाना क्षेत्र के इचा हटा टोली में माओवादी जेजेएमपी मुठभेड़ के बाद से सुकर का नाम इलाके में चर्चा में आया था.
जांच के बाद ही कहा जा सकता है आपसी विवाद में हत्या हुआ या फिर किसी और संगठन ने किया
घटना के संबंध में एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल व इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने सामूहिक रूप से कहा कि मृतक की शिनाख्त जेजेएमपी के नक्सली सुकर के रूप में हो गई है. सुकर की हत्या इनसास व एसएलआर हथियार से ताबड़तोड़ गोली मारकर किया गया है. हत्या जेजेएमपी की आपसी विवाद में हुआ या फिर इसकी हत्या किस तरह से हुई इसके हम लोग जांच कर रहे हैं, जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं. लेकिन के हत्या के बाद इलाके में लोग राहत महसूस करेंगे.
घटनास्थल से बरामद हुआ दर्जनों खोखा
घटनास्थल से पुलिस ने तीन मोबाइल फोन 3200 नगद के अलावे एक चाकू बरामद किया है. साथ ही घटनास्थल से पुलिस ने लगभग 10 इंसास और एसएलआर हथियार का खोखा के अलावे नक्सली जिस जगह पर सोया था वहां से कंबल व वेडिंग भी बरामद किया है.
घटनास्थल का इलाका पूर्व से रहा था माओवादियों के कब्जे में
जिस जगह पर घटनास्थल है, वह इलाका पूर्व में माओवादियों के गिरफ्त में था. इलाके में माओवादी में रहते शुकर उरांव इस इलाके का रग रग से वाकिफ था. इसलिए लगातार अपने पूरे टीम को लेकर इस इलाके में अधिकतर सुकर रहता था.पुलिस भी माओवादी इलाका होने के कारण घटना को लेकर के काफी सावधानी बरत रही है. वहीं बम प्लांट होने के डर से पहले शुकर के शव को बांस के लंबे डंडे से हिला कर देखा गया जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की गई.
वर्ष 2012 से प्लाटून कमांडर संजय यादव अब तक है गायब
जेजेएमपी के संस्थापक सदस्य रहे प्लाटून कमांडर संजय यादव 2012 से संगठन से गायब हो गया है. जिसको लेकर के कई बार संजय के परिवार के लोगों ने पुलिस के पास गुहार लगाते हुए कहा है कि उसकी हत्या कर दिया गया है. संजय यादव संगठन में काफी लोकप्रिय नक्सली बन चुका था जिसके बाद से उसका अचानक गायब हो जाना और सुकर की हत्या को भी इलाके के लोग जोड़ कर देख रहे हैं. शुकर का संगठन में काफी बड़ा कद हो गया था.
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