धनबाद (DHANBAD ) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश झरिया में दो गोतनियों की लड़ाई को हवा दे गए. रविवार को झरिया थाना चौक पर सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण नहीं किया जा सका. भाजपा नेताओं ने खूब जोर लगाया, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके पीछे भी गोतनियों की लड़ाई को ही माना जा रहा है. खूब हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से सारदार के कटआउट पर ही कार्यक्रम करना पड़ा.  

चुनाव में देर लेकिन झरिया की राजनीति गरमाई 

महात्मा गांधी को ब्लैंक चेक देने वाली झरिया, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को आर्थिक ताकत देने वाली झरिया,आज फिर एक बार चर्चा में है. धनबाद में प्रदेश स्तर का  अथवा केंद्र स्तर का नेता, धनबाद आकर झरिया का नाम लिए बगैर नहीं रहता. विधानसभा चुनाव में अभी लंबा वक्त है लेकिन चुनावी तीरों से झरिया अभी से ही बेहाल होनी शुरू हो गई है. ताजा मामला उठा है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह के आरोपों से. दीपक प्रकाश ने तो रविवार को यहां तक कह दिया कि 24 के चुनाव के बाद झरिया से कांग्रेस  खत्म हो जाएगी और हम झरिया को देवर- भौजाई के चंगुल से मुक्त करा लेंगे. इतना ही नहीं सांसद का आरोप है कि झरिया में कई सड़कों के लिए डाली गई निविदा को मैनेज कर लिया गया है. 
 
ठेकेदारों को घर बुला कर दी गई धमकी 

सांसद ने आरोप लगाया कि ठेकेदारों को घर और ऑफिस में बुलाकर टेंडर नहीं डालने के लिए धमकाया गया. विभाग के कार्यपालक अभियंता पर भी टेंडर मैनेज करने का उन्होंने आरोप लगाया है.   रंगदारी वसूलने के कारण भागा में लगभग 500 ट्रकों से ढुलाई  बाधित है, धनबाद- गिरिडीह के उद्योग मालिक यहां से खनिज संपदा ले जाते हैं. रंगदारी की रेट ज्यादा कर उद्यमियों पर ऐसा दबाव बनाया गया है कि वह अब दूसरे स्टेशनों से खनिज संपदा मंगाने में लगे हुए हैं. इसके अलावा भी सांसद ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की सभा में कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह पर अप्रत्यक्ष रूप से कई आरोप लगाए थे. 
  
26 सालो में क्या किया है सांसद ने 

इधर कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए सांसद पशुपतिनाथ सिंह पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने पूछा है कि लगातार 26 वर्षों तक विधायक और सांसद रहने वाले पशुपति नाथ सिंह की उपलब्धि क्या है, उन्हें उसकी सूची जारी करनी चाहिए. उन्हें अपनी उपलब्धि की सूची जारी करने के बाद ही झरिया विधायक के 2 वर्षों के कार्यकाल की समीक्षा करनी चाहिए. पूर्णिमा सिंह ने पशुपतिनाथ सिंह पर हमला बोलते हुए कहा है कि टांग खींचने की राजनीति के अलावा उन्होंने अब तक किया ही क्या है. टांग खींचने का उन्हें मास्टर बताया है. पूर्णिमा सिंह ने पूछा है कि अचानक सांसद के पेट में दर्द क्यों उठ गया है. बता दें कि 19 के चुनाव में पूर्णिमा सिंह अपनी गोतनी और भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह को पटखनी  ही देकर विधायक बनी है. 

झरिया में चल रही है जबरदस्त प्रतिद्वंदिता 

कोयलांचल की राजनीति में अपनी ताकत  बढ़ाने के लिए दोनों गोतनी में जबरदस्त प्रतिद्वंदिता चल रही है. लेकिन दोनों गोतनी एक दूसरे पर सीधा हमला बोलने से बचते हुए आकाओं पर हमला बोल रही हैं. रागिनी सिंह अपनी गतिविधियां बढ़ा कर झरिया के लोगों का मन जीतना चाहती हैं, वहीं पूर्णिमा सिंह भी पहली बार विधायक बनने के बाद अपनी कद काठी बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही हैं. यह बात सही है कि चुनाव में अभी समय है, लेकिन झरिया को लेकर खासकर भाजपा काफी आक्रामक हो गई है, उसे लगता है कि अगर उनकी आक्रामकता बनी रहेगी तो चुनाव में फिर से झरिया में कमल खिल सकता है.


रिपोर्ट:अभिषेक कुमार सिंह,धनबाद ब्यूरो (धनबाद )