रांची (RANCHI): सीएम हेमंत सोरन ने कहा कि पेंशन बुढ़ापे का सहारा होता है. बुढ़ापे की लाठी छूट गईं थी लेकिन राज्य सरकार ने फिर से उसे बहाल कर दिया. अभी के समय को देखा जाए तो बाल-बच्चे से अधिक भरोसा पेंशन पर ही करना होता है. राज्य प्रशासनिक सेवा संघ की तरफ से पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के बाद आभार प्रकट कार्यक्रम रखा गया था. उक्त बातें हेमंत सोरेन ने उसी में कहीं. झारखंड मंत्रालय के सभागार में राज्य के 10,017 प्रशासनिक पदाधिकारियों की ओर से सात मांगों को भी रखा गया.
सरकारें आती हैं जाती हैं, पर व्यवस्था बनी रहनी चहिए
सीएम ने कहा कि सभी अधिकारी निर्भीक होकर कार्य करें, फाइल विभागों का चक्कर न काटें इस बात की भी ख्याल रखना होगा. सभी अधिकारी और पदाधिकारी को मिलकर कार्य करना होगा. दूसरे राज्य जाकर अच्छी चीजों को सीखकर इस राज्य के विकास में भी योगदान देने का कार्य करें.
चाइल्ड केयर लीव के साथ साथ पढ़ाई के दौरान मिलेगा वेतनमान
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कई मांग को लेकर संघ ने यहां जिक्र किया है, सभी मांगों को पूरी करने की कोशिश रहेगी. संघ भवन बनवाना भी कोई बड़ी बात नहीं है. चाइल्ड केयर लीव के साथ -साथ सहायक पुलिसकर्मी को एक भी अवकाश नहीं मिलता है. संघ ने जो मांगे रखी है सरकार उन मांगों पर विचार करेगी. राज्य के अधिकारियों को भी अब आईएएस व आईपीएस की तरह सर्किट हाउस का लाभ दिया जायेगा. राज्य में संसाधनों की कमी नहीं है, इच्छाशक्ति की कमी है. अधिकारी अगर हायर एजुकेशन के लिए बाहर जाना चाहते हैं, तो उन्हें पढ़ाई के अवधि तक वेतन दिया जायगा. जनकल्याणकारी योजनाओं को सुचारू रूप से जन -जन तक पहुंचाने का कार्य करें. एक भी व्यक्ति यूनिवर्सल पेंशन से न छूटे अधिकारियों को इसपर ध्यान देना होगा.

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