रांची(RANCHI):
छात्र संगठनों के लंबे आंदोलन और राजभवन के निर्देश के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने बीते दिनों जेपीएससी 11वीं से 13वीं तक की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया. आयोग ने इस परिणाम में कुल 864 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि, अब एक बार फिर इस परिणाम को लेकर विवाद गहराने के आसार नजर आ रहे हैं.

जिन छात्र संगठनों और अभ्यर्थियों ने पहले रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल जैसे आंदोलन किए थे, अब वही लोग इस घोषित परिणाम के विरोध में फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं. साथ ही एक बार फिर सड़कों पर उतरने और जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है. देवेन्द्रनाथ महतो ने बताया कि जेपीएससी ने परिणाम प्रकाशन में ना आयोग के नियमों का पालन किया है ना गजट का और ना विज्ञापन का. प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए देवेन्द्रनाथ महतो ने कहा कि जल्दीबाज़ी में रिजल्ट जारी किया है जिसमें सेटिंग और सीट खरीदने की संभावना है. लेकिन अब डिजिटल युग और ED का ज़माना है. देवेन्द्रनाथ महतो ने बताया कि मुख्य परीक्षा के परिणामों में बोर्ड के रोल नंबर की तरह लगातार रोल नंबर का अनुक्रम नज़र आ रहा है. साथ ही कट-ऑफ मार्क्स जारी ना होने से छात्रों को उनके रैंक समझने में भी दिक्कत आ रही है.
उन्होंने आगे कहा कि आयोग द्वारा पारदर्शिता जरूरी है, नहीं तो 30 लाख - 40 लाख में बाहरियों को सीटों बेची जाएंगी और झारखंडियों के युवा को कुछ नहीं मिलेगा. देवेन्द्रनाथ महतो ने रिजल्ट में सुधार की मांग की है.