चाईबासा (CHAIBASA): खूंटी के एक IAS अधिकारी रियाज अहमद जहां यौन शोषण के आरोप में जेल में हैं, वहीं हाटगम्हरिया वन क्षेत्र में प्रशिक्षु रेंज पदाधिकारी आईएफएस अंशुमन हंसराज को ऐसे ही एक मामले में सियालदह से गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली में एक युवती ने उनपर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था. दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी की है.
ऐसा लग रहा है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में पदस्थापित वन विभाग के पदाधिकारियों पर ग्रहण लग गया है. हाल ही में एक रेंजर विजय कुमार सिंह को निगरानी विभाग ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. गिरफ्तार रेंजर के घर से करीब एक करोड़ नकद बरामद किया गया था.
तैयारी के दौरान ठाणे की युवती से हुई थी मुलाकात
भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के 2020 के झारखंड कैडर के प्रशिक्षु अधिकारी अंशुमन राजहंस की तैनाती फिलहाल चाईबासा में है.हालांकि उन्होंने अभी चाईबासा में योगदान नहीं दिया है.
पीड़ित युवती इंजीनियर है और उसने बीते 15 मई को दिल्ली के राजेंद्र नगर थाने में केस दर्ज कराया था. पीड़िता के अनुसार अंशुमन वर्ष 2017 में राजेंद्र नगर में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के सिलसिले में आया था. इसी दौरान ठाणे निवासी युवती से उसकी मुलाकात हुई. इंजीनियरिंग करने के बाद वह युवती भी सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी. इस दौरान दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी और अंशुमान ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाये. वर्ष 2018 में अंशुमान का चयन आईआरटीएस के लिए हुआ. नौकरी लगने के बाद पीड़िता ने जब उसपर शादी का दबाव बनाया, तो उसने अच्छी रैंक आने पर शादी करने का बहाना बनाया. 2020 में अंशुमन का चयन आईएफएस के लिए हो गया. पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद आरोपी ने उसके साथ मंदिर में शादी तो की, लेकिन शादी की फोटो नहीं लेने दी. बाद में वह सामाजिक अथवा रजिस्टर्ड शादी करने के वादे से से मुकर गया. इसके बाद पीड़िता ने थाने पहुंच कर मामला दर्ज कराया. पिछले दो दिनों के अंदर अंशुमन राजहंस अखिल भारतीय सेवा के झारखंड कैडर के दूसरे अधिकारी हैं, जिन्हें शारीरिक शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया है.5 जुलाई को खूंटी के एसडीएम सैयद अहमद रियाज को आइआइटी की छात्रा के शारीरिक शोषण के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
15 दिनों तक पुलिस के डर से भागते रहे
वन अधिकारी अंशुमन राजहंस का गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद दिल्ली के करोल बाग थाने की एसीपी विदुषी कौशिक की देखरेख एक टीम गठित की गयी. आरोपी के रांची में होने की सूचना पर दिल्ली पुलिस की टीम जब रांची पहुंची, तो पता चला कि वह जमशेदपुर में है. केस दर्ज होने की सूचना मिलने पर अंशुमन ने अपना फोन बंद कर लिया था,फिर पुलिस को उसकी लोकेशन आसनसोल में मिली,करीब 15 दिन तक वह छिपता रहा.पुलिस को सात शहरों में उसकी लोकेशन मिली। 30 जून को पुलिस टीम को उसकी लोकेशन कोलकाता के पास सियालदह इलाके में मिली.इसके बाद उसे दबोच लिया गया.पुलिस ने बताया कि आरोपी अधिकारी व्हाट्सअप के जरिये अपने रिश्तेदारों के संपर्क में रहता था.इसके लिए दूसरे के नंबर से व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करता था. उसने एक फोन नंबर इंटरनेट के लिए रख रखा था.
झारखंड के देवघर जिले के रहने वाले हैं अंशुमन
अंशुमन झारखंड के देवघर जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता अशोक कुमार राजहंस सहायक अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और मां साधना झा सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं. अंशुमान को बचपन से सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने की तमन्ना थी. उसने 10वीं की परीक्षा एसकेपी विद्या विहार बौंसी से 92.1 फीसदी अंक के साथ पास की थी. इंटर साइंस की परीक्षा अद्वैत मिशन बांका से 89.06 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण की.अंशुमन राजहंस के दादा स्व बिमल चंद्र राजहंस मोहनपुरहाट स्थित हाइस्कूल में संस्कृत विषय के शिक्षक थे तथा नाना गोपालनंद झा देवघर कॉलेज में प्राचार्य के पद पर कार्यरत थे.
आईआईटीयन अंशुमन ने आईएफएस परीक्षा में लाई थी 11 वीं रैंक,
अंशुमन राजहंस ने आइआइटी, दिल्ली से 2011-2015 बैच से फिजिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है.आइआइटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही तैयारी शुरू कर देने और अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करने के बावजूद अंशुमन को दो बार यूपीएससी परीक्षा में असफलता मिली. 2018 में अपने तीसरे प्रयास में अंशुमन ने यूपीएससी सिविल सर्विस, आइएफएस, इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) तीन परीक्षाएं पास की. सिविल सेवा में उसे 365वीं और भारतीय वन सेवा की परीक्षा में 11वीं रैंक आयी थी.

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