Tnp desk:- गिरिडीह लोकसभा सीट में झारखंड मुक्ति मोर्चा का वजूद रहा है , झामुमो के संस्थापक सदस्य बिनोद बिहारी महतो भी यहां से संसद बन दिल्ली पहुंच चुके हैं. 2004 में टेकलाल महतों ने भी यहां से जीत दर्ज की थी. वही, पिछले दो बार से दिवंगत जगरनाथ महतो जेएमएम के लिए चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि, दोनों बार एनडीए ने जीत दर्ज की. 2014 में बीजेपी के रविन्द्र पांडे तो 2019 में एनडीए की सहयोगी आजसू के चन्द्रपकाश चौधरी विजयी हुए.
गिरिडीह से कौन होगा जेएमएम का उम्मीदवार ?
इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुश्किल इस सीट से ये है कि आखिर जगरनाथ महतों के निधन के बाद किसे उतारा जाए . किस चेहरे को मौका दे, जो एनडीए को टक्कर दें. टिकट के दावेदारों की सूची तो जेएमएम के पास काफी लंबी है . लेकिन, यहां सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन इसके लिए सबसे ज्यादा लायक है. झारखंड मुक्ति मोर्चा जानती है कि यहां एनडीए से टक्कर लेना आसान नहीं हैं. 2004 में टेकलाल महतों की जीत के बाद लगातार तीन बार हार की हैट्रिक जेएमएम बना चुकी है. ऐसे में उसके सामने चुनौती तो खड़ी हो गयी है.
झारखंड की 14 लोकसभा सीट में से 11 पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. ऐसे में एक मनोवैज्ञानिक बढ़त तो भाजपा ने बना ली है. माना जा रहा है कि एनडीए के गठबंधन सहयोगी आजसू को यह सीट मिलेगी, जिसका भी जल्द एलान कर दिया जाएगा. झामुमो की कोशिश होगी कि एक ऐसे प्रत्याशी को यहां से मौका दे, जो यह से जीत दर्ज करें .
एक पूर्व सांसद भी टिकट की रेस में !
ऐसी खबरे है कि इंडिया की बैठक जल्द ही दिल्ली में होगी, जहां सीट बंटवारे पर चर्चा चलेगी. झामुमो से किस उम्मीदवार को गिरिडीह से मौका मिलेगा , अभी साफ तो कुछ नहीं है और न ही किसी का नाम तय किया गया है. लेकिन, अंदरखाने से जो जानकारियां छनकर आ रही है. उसमे टुंटी के जेएमएम विधायक मथुरा प्रसाद महतो का नाम अभी तक सबसे आगे चल रहा है. मथुरा प्रसाद के पक्ष में हवा इसलिए भी बह रही है कि उनका अच्छा-खासा राजनीतिक तजुर्बा है और लंबे समय से जेएमएम के साथ जुड़े रहें हैं. उम्मीदें उन पर सबसे ज्यादा की जा रही है कि शायद पार्टी उन्हें मौका दे. इधर, टिकट की रेस में गोमिया के पूर्व जेएमएम विधायक योगेन्द्र महतो भी रेस में है. दावा किया जा रहा है कि उनका नाम आगे चल रहा है . अगर कुछ इधर उधर हुआ तो वे भी अखाड़े में दम ठोकते हुए दिखेंगे. इधर, जो चर्चा और फिंजा में खबरे जोर-शोर से घुमड़ रही है कि एक पूर्व सांसद भी झामुमो नेतृत्व के संपर्क में हैं. जो टिकट लिए जोर लगाए हुए हैं.
कल्पना की भी हो रही चर्चा
गिरिडीह से अप्रत्याशित चेहरे के तौर पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की वाइफ कल्पना सोरेन के नाम भी चर्चा है. क्योंकि गिरिडीह में आयोजित जेएमएम के स्थापना दिवस समारोह में ही अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. ऐसे में राजनीतिक के जानकार बताते है कि शायद गिरिडीह से कल्पना सोरेन क उतारकर जेएमएम चौका दें. अगर वो चुनावी रण में आती है, तो फिर कड़ी टक्कर की संभावना भी जताई जा रही है. हालांकि, अभी कुछ भी तय नहीं है और लगातार यह सीट जेएमएम के लिए माथापच्ची वाली बनीं हुई है.
गिरिडीह सीट के छह विधानसभा गिरिडीह, डुमरी और टुंडी पर जेएएमएम का कब्जा है , जबकि बेरमो में उसके सहयोगी कांग्रेस पार्टी यहां जीती है. जबकि, बाघमारा में बीजेपी और गोमिया में आजसू ने जीत दर्ज की है. सवाल यही है कि जेएमएम का अच्छा-खासा वोट बैंक यहां है. लेकिन, मुश्किल यहां उम्मीदवार को लेकर खड़ी हो रही है. चर्या बस यही चल रही है कि आखिर जेएमएम से किसे टिकट मिलेगा.
Recent Comments