रांची(RANCHI): महाराष्ट्र में सियासी संकट के बाद भाजपा नेता के शुभेन्दु अधिकारी के बयान से झारखंड राजनीति गर्म हो गई है. शुभेन्दु अधिकारी ने बंगाल के कुच विहार में सभा को संबोधित करते हुए दावा किया है कि महाराष्ट्र के बाद झारखंड और राजस्थान में सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकेगी. शुभेन्दु अधिकारी के बयान पर झारखंड में नेताओं की बयान बाजी तेज हो गई है. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गृह मंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के भी चर्चे गर्म है. मुलाकात के बाद ऐसे बयान के कई मायने निकल रहे है. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या झारखंड में भी राजनीति करवट लेगी या नहीं. फिलहाल गृह मंत्री से मुलाकात और शुभेन्दु अधिकारी के बयान पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
झामुमो का पलटवार
सरकार गिरने वाले बयान पर झामुमो ने पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि झारखंड सरकार को कोई खतरा नहीं है. झारखंड सरकार बेहतर कार्य कर रही है. यह भाजपा नेताओं को पच नहीं पा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासी मुख्यमंत्री को देखना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि शुभेन्दु अधिकारी का कोई वजूद नहीं है. उनकी खुद की पहचान नहीं है. वैसे नेताओं के बयान पर झामुमो तरजीह नहीं नेता है. उन्होंने कहा कि झारखंड में महाराष्ट्र जैसे स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश भाजपा करेगी तो सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ेगा.
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
वहीं सरकार की सहयोगी दल कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि झारखंड सरकार पूरा पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता ने महागठबंधन को चुना है. भाजपा को पूरी तरह से जनता ने नकार दिया है. उन्होंने कहा कि इसका उदहाराण मांडर उप चुनाव भी है. उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की चुनी हुई सरकार को गिराने कि साजिश हमेशा भाजपा करती है जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड की मिट्टी को खरीदने की औकात मोदी के किसी पूंजीपति के पास नहीं है.
भाजपा ने जतायी सहमति
भाजपा ने इस बयान का समर्थन करते हुए हुए महागठबंधन को निशाने पर लिया है. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा कि झारखंड जैसी ही सरकार महाराष्ट्र में भी बनी थी.आज वहां क्या हो रहा है किसी से छुपा नहीं है. शिवसेना के विधायक नाराज होकर सरकार से किनारा करते दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना भाजपा के साथ चुनाव लड़ी थी. लेकिन सत्ता के लोभ में कॉंग्रेस के साथ गठनबंधन कर सत्ता में आई.उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन में कॉंग्रेस और झामुमो ने कोई योगदान नहीं दिया है और यह लोग आदिवासी की बात करते है. उन्होंने कहा कि सरकार में खुद अंतर विरोध है जिससे सरकार खुद गिर जाएगी.

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