रांची (RANCHI): झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी चिन्मय गढ़वाल उर्फ़ रूपेश कुमार को एक बार फिर से निलंबित करने का आदेश दिया गया है. उन पर आरोप था कि उन्होंने किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से गलत तरीके से पिछड़ा वर्ग-1 का जाति प्रमाण पत्र बनवाया और उसी आधार पर चौथी JPSC परीक्षा में चयन पाया. इस मामले की शिकायत विभाग को मिलने के बाद जांच शुरू हुई थी.
जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद विभागीय कार्रवाई की गई और उन्हें निलंबित किया गया. इस फैसले को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने 15 जुलाई 2023 को सरकार का निलंबन आदेश रद्द कर दिया था.
हालांकि बाद में राज्य सरकार ने पुनः याचिका दाखिल की और कोर्ट से विभागीय कार्रवाई जारी रखने की अनुमति ले ली. इसके बाद नई जांच समिति बनी, जिसने रूपेश कुमार और उनकी पत्नी नीतू कुमारी की आर्थिक, शारीरिक और मानसिक स्थिति का भी अध्ययन किया. सरकार ने बताया कि उनके पिता काफी समय से बिस्तर पर हैं और यही कारण बताते हुए वे निलंबन अवधि से राहत चाहते थे.
लेकिन जाति प्रमाण पत्र गलत तरीके से बनवाने और नौकरी पाने के लिए गलत दस्तावेज देने के मामले को गंभीर मानते हुए, सरकार ने 5 जुलाई 2018 के आदेश के आधार पर फिर से उन्हें निलंबित करने का फैसला लिया. अब दुबारा निलंबन अवधि में उनके मुख्यालय के रूप में कमिश्नर कार्यालय तय किया गया है. इस दौरान उन्हें केवल निर्वाह भत्ता मिलेगा.

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