रांची(RANCHI): - सत्तारूढ़ गठबंधन का मुखिया यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तय कर लिया है कि वह इस राज्य की सीमा से बाहर जाएगा और संगठन का विस्तार करेगा. झारखंड विधानसभा चुनाव में रिजल्ट से गदगद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सांगठनिक स्तर पर विस्तार की बात कही है. सबसे महत्वपूर्ण डेवलपमेंट इस पार्टी में यह देखने को मिल रहा है कि अब महिलाओं को अधिक से अधिक भागीदारी दी जाएगी.इसको लेकर मंथन का दौर जारी है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत का विश्लेषण
हाल में संपन्न झारखंड विधानसभा चुनाव का विश्लेषण वैसे हर राजनीतिक दल किया है और कर रहा है, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा को अब लग रहा है कि वह आगे बढ़ सकता है और अपने बलबूते संगठन का विस्तार तो कर ही लेगा बल्कि सरकार भी बन सकता है. इसी कारण से हेमंत सोरेन ने पार्टी के संगठन से जुड़े प्रमुख लोगों को संदेश दिया है कि जमीनी स्तर पर लोगों से कनेक्टिविटी और बढ़ाने की जरूरत है और झारखंड की सीमा से बाहर दूसरे राज्यों में भी जमीन तैयार करने का समय आ गया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर इस बात का विश्लेषण चल रहा है कि उसके जो टारगेट वोटर है वह आने वाले समय में मजबूती के साथ उनके साथ खड़े रहे. इसके लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है. भविष्य में मतदाता वर्ग का और विस्तार किया जाएगा.
कल्पना सोरेन के निर्देश को मिल रही अहमियत
झारखंड विधानसभा चुनाव में कल्पना सोरेन ने एक बड़ी भूमिका निभाई है. बड़े स्टार प्रचारक के रूप में तो उभर कर सामने आई ही हैं अब संगठन में भी उनका दबदबा देखा जा रहा है.महिलाओं के हक और हकूक के लिए कल्पना सोरेन ने अपनी बात रखनी शुरू कर दी है. संगठन में भी महिलाओं को एक तिहाई प्रतिनिधित्व देने की बात उन्होंने कही है.सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को प्राथमिकता देने का भी उन्होंने सुझाव दिया है इसलिए अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में कल्पना सोरेन एक महत्वपूर्ण नीति नियंता बन गई हैं. इसलिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के संगठन में भी कल्पना सोरेन की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है और सरकार में भी सलाहकार के रूप में हुआ भूमिका निभाएंगे वैसे वह विधायक भी हैं.

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