रांची (RANCHI) : झारखंड सरकार मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता दे रही है. जिससे झारखंड की कई महिलाओं को एक सहारा मिल गया है. हेमंत सरकार 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 2500 रुपये प्रति माह ट्रांसफर करती है. झारखंड सरकार की यह सौगात न केवल उन्हें आर्थिक मदद देती है बल्कि उन्हें सशक्त बनाने की पहल भी है.
अभी हाल ही में कई महिलाओं के नाम इसमें से काटा गया और कईयों को इस योजना की राशि नहीं दी गई. आखिर क्या वजह रही की अचानक उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. या फिर कहे कौन सी गलती रही कि इसके चलते ढाई हजार रुपए लेने से इन महिलाओं को वंचित कर दिया गया. हाल ही में पैसा नहीं मिलने पर राज्य में महिलाओं ने आंदोलन भी किया था और हेमंत सरकार के खिलाफ हल्ला भी बोला था. जानिए उन वजहों को या फिर कहे उन गलतियों को जिसके चलते महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना का पैसा नहीं दिया गया. लाखों महिलाओं को पैसा नहीं मिलने और मंईयां सम्मान योजना में नाम कटने के पीछे सात बड़े कारण देखने को मिल रहे हैं.
- इस योजना की राशि उन महिलाओं को नहीं दी जाएगी, जिनके परिवार के सदस्य इनकम टैक्स देते हैं
- जिन महिलाओं के परिवार के सदस्य सरकारी नौकरी में है, तो भी उन्हें ये योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- जिनका खाता ईपीएफ में है यानि इम्पलॉई प्रोविडेंड फंड में है और पैसा इसमें कटकर जा रहा है, उन्हें भी इस योजना का फायदा हेमंत सरकार नहीं देगी.
- जिन परिवारों में कोई सदस्य पूर्व या वर्तमान सांसद, विधायक है, उन्हें भी मंईयां सम्मान योजना की मासिक राशि नहीं दी जाएगी.
- जिन महिलाओं को पेंशन मिलती है य फिर उनके पति को पेंशन मिल रहा है उन्हें भी इस योजना से दूर रखा जाएगा.
- जो महिलाएं अन्य सामाजिक योजनाओं का लाभ उठा रही है, उन्हें भी इसका फायदा नहीं मिलेगा.
- अगर किसी का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, उन्हें भी इस योजना से हटाया जा सकता है.
अभी तक ये सात कारण देखा गया है जिसके चलते लाखों महिलाओं को मंईया सम्मान योजना की लिस्ट से नाम हटा दिया गया. दरअसल हेमंत सरकार की मंईय़ां सम्मान योजना आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं के लिए शुरु की गई है. जो झारखंड की निवासी है. लेकिन, ये देखा गया था कि बहुत सारे लोगों ने इसमे अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी. जिनकी माली हालत सही थी. इसलिए सरकार ने फिर छंटनी की और उनके नाम हटा दिए.
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