रांची(RANCHI): रांची का बहुचर्चित फ्लाईओवर विवाद अब शायद शांत हो जाएगा, क्योंकि आज ही मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सिरमटोली फ्लाईओवर का उद्घाटन कर दिया है. साथ ही सिरमटोली फ्लाईओवर का नाम कार्तिक उरांव के नाम पर रखा गया है. बता दें कि उद्घाटन विधिवत रूप से पूजा-अर्चना के साथ किया गया है. वहीं इस फ्लाईओवर उद्घाटन के बाद राजधानी रांचीवासियों को जाम से निजात के रूप में एक तोहफा झारखंड सरकार की तरफ से मिला है.
ऐसे में सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप का विवाद विगत कुछ महीनो से आदिवासी संगठनों के द्वारा किया जाता रहा पर आखिरकार इस सिरमटोली फ्लाईओवर का उद्घाटन विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री एवं कई अन्य गन्य मान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया है. इस उद्घाटन समारोह में आदिवासी रीति और परंपरा की भी झलक देखने को मिली है.
वहीं सिरमटोली चौक के रास्ते राजेंद्र चौक होते हुए मेकॉन गोल चक्कर तक फोरलेन एलिवेटेड पथ और आरओबी की लंबाई 2.34 किलोमीटर है. साथ ही फ्लाईओवर निर्माण में कुल 355.76 करोड रुपए खर्च हुए हैं. साथ ही इस फ्लाईओवर का नामांकन स्वर्गीय कार्तिक उरांव के नाम पर किया गया है.
कौन थे बाबा कार्तिक बाबा उरांव?
कार्तिक उरांव का जन्म 29 अक्टूबर 1924 को झारखंड के गुमला जिले मैं हुआ था. वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से एक भारतीय राजनीतिज्ञ बने और साथ ही एक आदिवासी नेता के रूप में भी उभर कर आए थे. उन्होंने 1947 के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया था. उरांव ने अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद संगठन की स्थापना भी की थी. वह लोहरदगा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे और कुरुख लोगों के लिए उन्हें राष्ट्रीय नायक के रूप में भी देखा जाता था. उन्हें बाबा कार्तिक साहेब के नाम से भी जाना जाता था. वहीं उनकी मृत्यु 8 दिसंबर 1981 में दिल्ली में हुई थी.
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