कोडरमा(KODERMA): बुजुर्गों की गौरवमयी उपस्थिति से ही किसी समाज, गांव या परिवार संपूर्ण कहलाता है. आज बुजुर्गों को परिवार या समाज में लोगों के द्वारा उपेक्षित होते देखा जाता है, साथ ही अब बुजुर्गों के तजुर्बे के साथ उनकी अहमियत को तवज्जो नहीं मिलती है. वहीं, देश में सांगठनिक तौर पर देखें तो वरिष्ठ जनों या अन्य को उनकी सामाजिक हैसियत या रुतबे को देखकर ही संगठन में पद दी जाती है. ठीक इसी व्यवस्था के विपरीत देश में सुनार जाति की एक बड़ी संस्था राष्ट्रीय कनौजिया सुनार महापरिवार ने बिहार प्रदेश के पटना में होने वाली केंद्रीय बैठक में संगठन से जुड़े तमाम 60 वर्ष पूर्ण कर चुके वरिष्ठ जनों को संगठन के संरक्षक कहलाने की ऐतिहासिक घोषणा की है. इस अनोखी घोषणा से अब देशभर से संगठन के वैसे सदस्य जिनकी उम्र 60 वर्ष पूर्ण हो चुकी है. उन्हें ससम्मान संगठन के संरक्षक पद से सुशोभित किया जाएगा.
देशभर के सदस्यों में मजदूर हो या करोड़पति, छोटे मकान में रहने वाले हो या महलों में अब सभी एक मंच के सामान पद से बिना कोई भेदभाव सुशोभित होंगे. RKSM केंद्रीय कमिटी की इस ऐतिहासिक फैसले से समाज के वरिष्ठ जनों में काफी हर्ष और उत्साह है, अब वे समाज सेवा के लिए और प्रेरित होंगे.
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RKSM के केंद्रीय प्रमुख रंजीत बर्मन ने The News Post से बात करते हुए कहा कि संगठन को सशक्त करने के साथ संघ से जुड़े सभी वर्ग के लोगों को सम्मान देना संगठन का उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि सामाजिक महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उत्थान के लिए RKSM महिला कमिटी का गठन किया गया है जो रीतिका वर्मा के नेतृत्व में बेहतर कार्य कर रही है. वहीं, RKSM की राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय बर्मन केंद्रीय कमिटी में बड़े-बड़े सामाजिक कार्यों से देश में समाज की स्थिति सुदृढ़ कर रहे हैं. अजय बर्मन कहते है कि संगठन वरिष्ठ जनों के सम्मान में कोई अवसर नहीं छोड़ती है. उन्होंने बताया कि किसी भी बैठक या कार्यक्रम के आयोजन में विशिष्ट अतिथि बुलाकर, वहां उपस्थित बुजुर्गों से द्वीप प्रज्वलन, फीता काटना और मंच पर स्थान देने की परंपरा है.
रिपोर्ट: अमित कुमार, झुमरी तिलैया

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