रांची (RANCHI): झारखंड अलग होने के 22 वर्षों के बाद आज तक टेन प्लस टू उच्च विद्यालय में राजनीतिक शास्त्र , दर्शनशास्त्र, मानव शास्त्र, समाजशास्त्र, कंप्यूटर साइंस, जनजातिय एवं क्षेत्रीय भाषा आदि विषय के शिक्षक ही नहीं हैं. जबकि इन विषयों में विद्यार्थी की संख्या काफी अधिक है. जबकि झारखंड उच्च न्यायालय ने 2016 में 6 महीने के अंदर शिक्षकों की नियुक्ति कर लिये जाने का निर्दश दिया था. तब राज्य में भाजपा की अगुवाई वाली रघुवर सरकार थी, अब 2019 से हेमंत सोरेन की गठबंधन सरकार है, लेकिन पर्याप्त संख्या में उक्त विषयों के शिक्षकों की बहाली नहीं हो सकी है. इसको लेकर आक्रोश है. संयुक्त 10+2 उच्चस्तर माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले 22 जून से राजभवन के समक्ष युवा अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. आज उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा.
मौलिक अधिकार के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार सरकार को नहीं
THE NEWS POST से खास बातचीत में हजारीबाग के उदय मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश आने के बावजूद भी राजनीतिकशास्त्र, दर्शनशास्त्र, मानवशास्त्र, समाजशास्त्र, कंप्यूटर साइंस ,जनजातिय एवं क्षेत्रीय भाषा आदि जैसे महत्वपूर्ण विषय को स्थान नहीं देना सरकार की संकुचित मानसिकता को दर्शाता है. समाजशास्त्र विभाग के शिक्षिका राजवंती कुमारी का कहना है कि सरकार झारखंड के संपूर्ण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, जो गलत है. मानवशास्त्र के शिक्षक विभूति कुमार कहते हैं, मौलिक अधिकार के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार सरकार को नहीं है. अभ्यर्थी पिछले 8 दिनों से धरना स्थल पर बैठे हैं ,लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि मदद करने नहीं आ रहे हैं. मौके पर तालकेश्वर महतो, जितेंद्र कुमार, आशीष कुमार, भागीरथ मंडल, पूजा कुमारी, अमित कुमार, पंकज कुमार रवि, जन्मजय महतो, ऐश्वर्य कु० रंजन, विभूति कुमार राजवती कुमारी उदय मेहता इत्यादि मौजूद हैं.

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