सिमडेगा(SIMDEGA): आपने स्नेक जोन का नाम सुना होगा. एक ऐसा इलाका जहां सांपों की बहुतायत संख्या पायी जाती है. इन इलाकों में या तो लोग जाने से बचते हैं या फिर बहुत ही सेफ्टी के साथ जाते हैं. मगर, ऐसे इलाके के बारे में क्या कहा जाए, जो स्नेक जोन तो नहीं है, पर स्नेक बाइट यानी कि सर्पदंश जोन जरूर बन चुका है. इस इलाके में आए दिन किसी ना किसी की सांप काटने से मौत होती रहती है. ये इलाका है झारखंड का सिमडेगा जिला.
सिमडेगा जिला लगातार सर्पदंश जोन बनता जा रहा है. लगातार सांप के काटने से लोगों की जान जा रही है. ऐसे लोगों की एक लंबी फेहरिस्त है जिसे सांप ने काटा है. 17 जून को जिले के पाकर टांड प्रखंड में तीन वर्षीय अल्बर्ट कुल्लू की सर्प दंश से मौत हो गई. वहीं 7 जून को ठेठई टांगर निवासी 12 वर्षीय किशोरी अलीशा डांग की, 26 मई को कुरडेग चड्डरी मुंडा की अनीता देवी, 24 अप्रैल को कोलेबिरा प्रखंड के बरवाडीह गांव के दिलीप केरकेट्टा की मौत हो गई थी. इसके अलावा 23 मई को बानो टुडूयू गंझू टोली निवासी रेखा देवी (45वर्ष) और उनके 8 वर्षीय पुत्र महेंद्र कुमार और इसके साथ ही कुरडेग थाना क्षेत्र अंतर्गत खरहवाटोली निवासी ललित तिर्की सर्पदंश के शिकार हुए हैं.
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ताजा मामला कोलेबिरा का
इसी क्रम में गुरुवार यानी 23 जून को कोलेबिरा प्रखंड अंतर्गत घर में पंचायत के जुरकेला भंडार टोली निवासी मनपति देवी उम्र लगभग 40 वर्ष पति रंजीत चिक बड़ाइक जहरीले सर्प का शिकार हो गई, जिसे प्राथमिक इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलेबिरा में भर्ती कराया गया. घटना गुरुवार के रात की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार रात के लगभग 10:00 बजे तेज गर्मी होने के कारण सभी परिवार के लोग जमीन पर सोए हुए थे. इसी क्रम में मनपति देवी को जहरीले सांप ने काट लिया. वहीं परिजनों द्वारा रात्रि में झाड़-फूंक करवाया गया, लेकिन सुबह मनपति की हालत बिगड़ने लगी हालत बिगड़ने पर परिजनों द्वारा इसकी सूचना अघरमा मुखिया अंजू रानी मिंज को दी गई. इसके बाद अघरमा मुखिया और 108 एंबुलेंस की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलेबिरा लाया, जहां चिकित्सकों द्वारा उनका प्राथमिक इलाज किया गया. मगर, महिला की हालत खराब होने पर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल सिमडेगा रेफर कर दिया गया.
जमशेदपुर से भी आया सर्पदंश का मामला
सर्पदंश का मामला सिमडेगा के साथ ही जमशेदपुर में भी देखने को मिल रहा है. ताजा मामला छोटा गोविंदपुर का है, जहां एक व्यक्ति अपने दरवाजे पर झाड़ू लगा रहा था. तभी अचानक एक विषैले सर्प ने उसे डस लिया. आनन-फानन में इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं. उधर विषैले सर्प के डसने के बाद पूरे छोटा गोविंदपुर के लोग दहशत में है. वैसे बरसात के समय सांपों का आतंक ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ जाता है और गोविंदपुर के इस इलाके में सांपों का आतंक जारी हैं. उधर, जिस व्यक्ति को सांप ने डसा हैं उस परिवार के लोग काफी डरे हुए हैं. हालांकि, इन्होंने झाड़-फूंक का रास्ता अपनाया जब वह इससे ठीक नहीं हुआ तो सीधे अस्पताल चले आए.
बरतें सावधानी
बारिश का मौसम है. जरा सावधान रहें. सांप बिल से निकल कहीं भी आपके पैरों के नीचे या रात में सोते वक्त आ सकते हैं, जो आपके लिए जानलेवा हो सकता है. सिमडेगा जिले में पिछले 2-3 माह में आए सर्पदंश के मामले तो वाकई डराने वाले हैं. रोज किसी ना किसी प्रखंड के किसी कोने से सांप के डंसने के कारण अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. चूंकि जिले का ग्रामीन इलाका आदिवासी बहुल है, इसलिए सर्पदंश को लेकर कई तरह के अंधविश्वास भी जानलेवा साबित हो रहे हैं. चूंकि बरसात के मौसम में सांप अपने बिल से निकलते हैं, इसलिए इस मौसम में खतरा ज्यादा रहता है.
सांप के काटने पर बरते ये सावधानी
सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को सीधा लेटा देना चाहिए और उसे हमेशा ढांढस देना चाहिए. जिससे वह परेशान ना होने पाये. वहीं उसको हमेशा शांत रहने को कहा जाना चाहिए. सांप काटने के बाद फौरन ही जूते, अंगूठी, कड़ा और पायल सहित अन्य ऐसे पहने जाने वाले सामान को फौरन ही उतार देना चाहिए, नहीं तो काटे गये स्थान पर सूजन बढ़ने के साथ ही तेज गति से जहर फैलने लगता है. अगर हाथ या पैर में काटा गया है तो उसको सीधा बांस की बत्ती से बांध देना चाहिए. जिससे मरीज अपना हाथ पैर ज्यादा ना मोड़ सके. इससे खून का संचार कम होने की वजह से जहर अपना असर धीरे दिखाता है.
क्या कहते हैं चिकित्सक
लोगों को सांप काटने पर फौरन ही अस्पताल आना चाहिए. सांप काटने के बाद इसका सबसे ज्यादा शरीर के नर्व सिस्टम में असर पड़ता है. सांप काटने के बाद उसके उपरी जगह पर किसी भी चीज से बांध देना चाहिए. उसके बाद मरीज को एंटी स्नेक वेनम दवा दी जाती है. जो सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में अभी उपलब्ध है. कभी भी मरीज को सांप काटने के बाद झांड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए.
रिपोर्ट: अमित रंजन, सिमडेगा

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