रांची (RANCHI) : आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि कभी गाड़ी पर नाव तो कभी नाव पर गाड़ी. अगर इस सुनी सुनायी कहावत की आंखों देखनी है तो चले आइए पतरातू डैम. झारखंड पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों ने पतरातू डैम में चलने वाले दो क्रूज को प्रयागराज कुंभ भेजे जाने की बात कह पतरातू डैम करीब पांच दिन पहले ही निकाल  लिया था. मगर रविवार तक दोनों क्रूज बड़े-बड़े ट्रेलर पर ही लदे दिखे.

जब इसकी जानकारी झारखंड पर्यटन निगम के अधिकारियों से ली गई तो उन्होंने बताया कि क्रूज को लादे जाने के बाद ही दोनों ट्रेलर लोड के कारण दब गए हैं. ऐसे में पतरातू डैम से मुख्य सड़क तक पहुंचाने में काफी कठिनाई हो रही है. अब इसे खींचने के लिए क्रेन बुलाए जाने की योजना बनायी जा रही है.

दूसरी ओर, रविवार को छुट्टी का आनंद लेने परिवार के साथ पतरातू डैम पहुंचे सैलानियों ने क्रूज को जब गाड़ी पर लदा देखा तो उन्हें बड़ी अचरज हुई. लोग बरबस ही बोल पड़े-बाबा आज देख लिए कि कभी नाव पर गाड़ी, तो कभी गाड़ी पर नाव.

आपको बताते चलें कि पर्यटन विभाग की ओर से लेक रिसॉर्ट बनने के बाद पर्यटक और सैलानियों की सुविधा के लिए पतरातू डैम में जेटीडीसी की ओर से दर्जनों वोट लाए गए. इसमें मुख्य रूप से आधुनिक वोट, दस कायक, तीन बड़े पैडल बोट, सात छोटे पैडल बोट सहित कई अन्य तरह के बोट लाए गए. इसके बाद डैम में धमाकेदार इवेंट्स के साथ क्रूज का आगाज हुआ.

क्रूज की सवारी के लिए प्रतिदिन हजारों सैलानी पतरातू डैम पहुंचने लगे. डैम में जेटीडीसी की ओर से लगभग तीन साल तक इन आधुनिक दोनों क्रूज को संचालित किया गया. फिलहाल इसका संचालन अंटार्कटिका सी वर्ल्ड नामक एक एजेंसी कर रही है. दोनों क्रूज में एक 60 सीटर का वातानुकूलित और बिना एसी का 100 सीटर वाला दूसरा क्रूज है. पतरातू डैम आनेवाले लोग इसकी सवारी जरूर करते हैं. मगर अब दोनों क्रूज को प्रयागराज कुंभ भेजा जा रहा है. जेटीडीसी और अंटार्कटिका सी वर्ल्ड के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों क्रूज को दो माह के लिए प्रयागराज कुंभ भेजा जा रहा है. इसके बाद इसे वापस मंगा लिया जाएगा.