रांची(RANCHI): झारखंड में जबसे स्वास्थ्य विभाग की कमान डॉ इरफान अंसारी ने संभाली है, तबसे राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सारे काम धरातल पर हुए है. अब चाहे बात करें रिम्स 2 की, या चलंत ग्राम क्लीनिक की. ऐसे में अब राज्य में आदिम जनजाति बहुल्य गांवों तक बेहतर और जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में नई योजना को विस्तार दिया है. बताते चलें कि ये आदिम जनजाति वैसी जनजातियां है जो राज्य में आदिकाल से रह रही है. राज्य में इस श्रेणी के 32 जनजातियों को चिन्हित किया गया है. इनमें संथाल, उराँव, मुंडा, हो, खरवार, लोहरा, खड़िया और भूमिज शामिल है.
वहीं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, झारखंड के विभिन्न जिलों में आदिम जनजाति समुदाय के करीब 75 हजार परिवार शामिल है, जो ज्यादातर सुदुर्वर्ती इलाके में रहते है. इसे देखते हुए, आदिम जनजातियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने चलंत ग्राम क्लीनिक संचालित करने की योजना बनाई है. इसके लिए 120 चलंत चिकित्सा दलों का गठन भी किया जा चुका है, और इसके संचालन और प्रबंधन के लिए 5.94 करोड़ रुपये की स्वीकृत भी दी जा चुकी है. चलंत ग्राम क्लीनिक के संचालन के तहत राज्य के अलग अलग जिलों को राशि मिली है जिनमें रांची को 19.68 लाख रुपये, जमशेदपुर को 19.68 लाख रुपये, और गुमला और चाईबास को भी 19.68 लाख रुपये मिले है. वही दुमका को 29.52 लाख रुपये, जामताड़ा को 9.84 लाख रुपये, लातेहार को 9.84 लाख रुपये, साहिबगंज को 49.20 लाख रुपये मिले हैं. इसी क्रम में लोहरदगा, खूंटी, सिमडेगा, बोकारो, सरा.-खरसावां, कोडरमा, धनबाद, पाकुड़, रामगढ़, गिरिडीह, हजारीबाग और देवघर को 9.84, पलामू को 44.28 और गोड्डा को 19.68लाख रुपये मिले हैं. वही गढ़वा को 1.77 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है.
चलंत ग्राम क्लीनिक के तहत ये मिलेंगी सुविधाएं :
चलंत ग्राम क्लीनिक के तहत आपको घर-घर में ऑपद की सुविधा मिलेगी, प्री एंड पोस्ट डिलीवरी के दौरान देखभाल, फॅमिली प्लैनिंग - परामर्श और सलाह साथ ही गर्भनिरोधक सेवाएं और सही जानकारी, एनीमिया और अन्य गैर संचारी रोग के तहत हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह की जांच, टीबी और मलेरिया की जांच, बलगम व रक्त धब्बा संग्रह, कालाजार एवं अन्य वेक्टर बोर्न बीमारियों के जांच और बीमारियों के इलाज जैसी सुविधाएँ शामिल है.
साथ ही यह चलंत चिकित्सा सुबह 9 से शाम 6 बजे तक चलेगी. 8 घंटों के लिए चलने वाली यह चलंत ग्राम क्लीनिक आपका इलाज करेगी. इस शुरुआत के तहत वैसे लोगों को मदद मिलेगी जो ग्रामीण इलाकों में रहते है, और उनके लिए अस्पताल जाना आसान नही हैं. ऐसे में कई बार ये भी देखा गया है की अस्पताल ना जा पाने की वजह से लोगों को कई बीमारियों का पता भी नहीं चलता जो बाद में भयावह रूप ले सकती है.
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