रांची(RANCHI): राजधानी के सदर अस्पताल में आज हंगामा हो गया. इसकी वजह बनी मरीज, उसके परिजन और डॉक्टर से तकरार. मरीज का आरोप है कि डॉक्टर ने पहले नाम पूछा और उसके बाद कहा कि हम जिहादी लोगों का इलाज नहीं करते हैं. इसके बाद मरीज और उसके परिजन भड़क गए और शोर-शराबा करने लगे. मरीज महिला है और अल्पसंख्यक समाज से संबंध रखती है. मरीज के परिजन अस्पताल के गेट पर धरने पर बैठ गए. बाद में मामले को शांत कराया गया.
डॉक्टर का पक्ष
इधर, लोगों का कहना है कि डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है. लेकिन जब भगवान ही मरीजों में भेदभाव करने लगे तब मरीजों का क्या होगा. मामले में महिला डॉक्टर वसुधा ने बताया कि डॉक्टर किसी मरीज का धर्म पूछ कर इलाज नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि महिला के परिजन मामले को दूसरा रंग देने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर कभी किसी मरीज को अपशब्द क्यों बोलेगा. उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं से वह खुद को डरा हुआ महसूस कर रही हैं.
मरीज का पक्ष
वहीं मरीज से जब हमने बात की तो उनका कहना है कि वह अपनी बेटी का इलाज कराने अस्पताल पहुंची थी. अस्पताल के बाहर एक महिला से कोपर्टी लगाने के बारे में बात की थी. इसे लेकर भी डॉक्टर से परामर्श लेने गई थी. उन्होंने कहा कि इस बात को एक नर्स ने डॉक्टर को बता दिया. इसपर डॉक्टर ने उसे जिहादी बोल कर बाहर निकलने को कह दिया.
थाना नहीं पहुंचा मामला
इस मामले की सच्चाई क्या है यह तो जांच का विषय है. लेकिन इस मामले के सामने आने पर कई सवाल उठ रहे हैं. अगर डॉक्टर ने ऐसा कहा है तो उनपर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन अगर मरीज के परिजनों ने गलत बयानबाजी कर इस मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है तो उनपर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस मौके पर पहुंची जरूर, लेकिन मामले में अब तक किसी भी पक्ष ने थाना में आवेदन नहीं दिया है.

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