रांची(RANCHI): झारखंड में अब जन्म प्रमाण पत्र को लेकर बवाल छिड़ गया है. रांची नगर निगम से एक आईएएस अधिकारी के पुत्र को तीन जन्म प्रमाण पत्र बनने की खबर ने सियासत में उफान ला दिया. अब भाजपा इसे मुद्दा बना कर सरकार को घेरने में लगी है. सवाल पूछ रही है कि आखिर क्या झारखंड में अमीर और गरीब के लिए अलग अलग कानून चलेगा. आखिर किस कानून के तहत तीन प्रमाण पत्र बना दिया गया. इसे लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने हेमंत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाया है.
अजय शाह ने कहा कि संविधान में आर्टिकल 14 के अंर्तगत सभी को समानता का अधिकार दिया गया है. लेकिन ऐसा लगता है कि झारखण्ड में आर्टिक्ल 14 है ही नहीं, यहां गरीब के लिए अलग और अमीर के लिय अलग कानून लागू किया गया है. एक IAS अधिकारी के पुत्र का तीन जन्म प्रमाण पत्र बना दिया गया. इसके बाद अब सरकार ने विज्ञप्ति जारी कर बताया की IAS अधिकारी के पुत्र का जन्म प्रमाण पत्र रद्द किया जाता है. अब इसपर सवाल है कि आखिर किस जन्म प्रमाण पत्र को सही माना गया है.
आखिर जन्म के तीस दिन के अंदर जब जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन देते है, तो उस समय एक शपथ पत्र दाखिल किया जाता है. ऐसे में क्या शपथ पत्र फर्जी देकर जन्म प्रमाण पत्र बनवाया गया. अगर हां तो फिर IAS अधिकारी पर धोखाधड़ी का केस क्यों नहीं किया गया है. आखिर कैसे किसी बड़े अधिकारी के बेटे का तीन जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया. क्या उस अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी, जिसने जन्म प्रमाण पत्र बनाया है. आखिर क्यों नगर निगम हर समय घर तोड़ने के लिए उत्साहित रहती है. होर्डिंग टैक्स के नाम पर फाइन लगाया जाता है. आखिर यह नगर निगम जनता को परेशान करने वाले निगम है. अगर CM हेमंत सोरेन एक शपथ पत्र जारी कर दें कि झारखंड में दो तरह के कानून चलेंगे तो भाजपा इस मुद्दे पर दोबारा कभी सवाल नहीं उठाएगी.
रिपोर्ट-समीर
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