रांची(RANCHI)- झारखंड में रांची नगर निगम समेत कई अन्य नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया है. यानी इन निकायों के जनप्रतिनिधियों के 5 साल का काम पूरा हो गया है. अब आगे क्या होगा इस पर चर्चा तेज हो गई है.
कई जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल हो चुका है समाप्त
मालूम हो कि 27 अप्रैल को समाप्त हुए कार्यकाल से पहले भी कई नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया था. चुनाव नहीं कराए जाने की वजह से इन नगर निकायों अधिकारियों का दल काम कर रहा है. राज्य सरकार ने अधिकारियों को ही आवश्यक प्रशासनिक अधिकार दिए हैं.
जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह
रांची नगर निगम की पूर्व मेयर आशा लाकड़ा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सभी जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह किया है. राज्य सरकार को इस विषय पर निर्णय लेना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि कुछ कारणों से नगर निकायों का चुनाव नहीं हो पाया. सरकार चुनाव कराए जाने के पक्ष में है लेकिन उसकी जो आवश्यक अर्हताएं है, उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.
मालूम हो कि आवश्यक रूस्टर संशोधन और ट्रिपल टेस्ट का अनुपालन अनिवार्य है. यही कार्य झारखंड में अभी तक नहीं हो पाया है. इसलिए यह प्रतीत होता है कि नगर निकाय के चुनाव में अभी लंबा समय लग सकता है.
भाजपा सरकार पर लगा रही आरोप
उधर विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह नगर निकाय के चुनाव कराने के प्रति गंभीर नहीं रही है. इसलिए अभी तक यह काम आगे नहीं बढ़ा है. नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जिस प्रकार से पंचायती राज संस्थाओं में सरकार ने विधेयक लाकर आवश्यक संशोधन करते हुए पुराने जनप्रतिनिधियों की कमेटी बनाकर जिस प्रकार से काम किया उसी तरह से नगर निकायों में भी होना चाहिए.
पंचायती राज संस्थान जैसी व्यवस्था हो सकती लागू
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नगर विकास विभाग को इस संबंध में विधि विभाग से परामर्श कर वैकल्पिक व्यवस्था करने के संबंध में आगे बढ़ने का निर्देश दिया है. फिलहाल सरकार के नए निर्णय होने तक नगर आयुक्त के अधीन सारे अधिकार समाहित हो गए हैं. संभावना जताई जा रही है कि पंचायती राज संस्थान जैसी व्यवस्था लागू की जा सकती है.
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