रांची (RANCHI): मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे जिला परिषद अध्यक्षों ने मुलाकात की. 9 सूत्री मांग पत्र सौंपा. जिसमें कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं के अधीन 14 विभाग की शक्तियां दी गई हैं, उन सभी विभागों को शक्तियों का अक्षरश: पालन कराए जाने एवं झारखंड राज्य के जिला ग्रामीण विकास विभाग (DRDA) का विलय जिला परिषद में होने के बावजूद अभी तक जिला परिषद को स्वतंत्र प्रभार नहीं दिए जाने तथा जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों को आवास, वाहन, अंगरक्षक एवं यात्रा भत्ता उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित की जाए.  मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में इन मांगों के अतिरिक्त त्रिस्तरीय पंचायती राज को मजबूत एवं सुदृढ़ करने का आग्रह किया गया है. 

सभी को हक-अधिकार और सम्मान दे रही हमारी सरकार

सीएम ने जिला परिषद अध्यक्षों से कहा कि आपकी मांगों पर राज्य सरकार सकारात्मक पहल करते हुए विधिसम्मत यथोचित कार्यवाही करेगी.  मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि वर्तमान सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी.  सभी को सम्मान तथा हक-अधिकार मिले इस निमित्त सरकार निरंतर कार्य कर रही है.  मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को नयी दिशा देने में सरकार लगी हुई है.  राज्य सरकार द्वारा संचालित विकासात्मक योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है.  झारखंड में गरीब वर्ग के लोग अधिक संख्या में हैं.  गरीब तथा जरूरतमंद वर्ग के लोगों को राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा से जोड़ने का काम कर रही है. सरकार सभी की समस्याओं को सुनकर एक-एक समस्याओं का हल निकाले, राज्य का मुखिया होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है.  मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त जिला परिषद अध्यक्षों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं. 

सुखाड़ से निपटने के लिए बन रही कार्य योजना

राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल से ही प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का काम कर रही है.  इस वर्ष राज्य में सही समय पर बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ की समस्या उत्पन्न हुई है. राज्य सरकार सुखाड़ से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है.  सुखाड़ की गंभीरता को देखते हुए कई योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्र में लागू किया जाएगा.  राज्य सरकार की योजनाओं को धरातल तक उतारने में आप सभी जनप्रतिनिधियों की भूमिका सबसे अहम होगी.  यहां के मजदूर वर्ग को उनका हक-अधिकार मिलता रहे इस निमित्त जल्द ही राज्य सरकार एक नियमावली बनाएगी.  मजदूरों का एक बड़ा हिस्सा दूसरे राज्य के बिचौलिया तथा ठेकेदार  लेकर जा रहे हैं. सरकार एक के नियम बनाने जा रही है जिसमें सभी कांट्रेक्टर, बिल्डरों आदि निर्माण कार्य से जुड़े संस्थानों को स्थानीय मजदूरों के साथ काम करने की बाध्यता रहेगी. राज्य सरकार की सोच है कि झारखंड बेरोजगारी तथा पलायन जैसी समस्याओं से मुक्त हो सके. 

जनता का काम हो रहा है, जनता आपके साथ खड़ी है

 विभिन्न जिलों से पहुंचे जिला परिषद अध्यक्षों ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की. राज्य सरकार द्वारा मंत्रिपरिषद की बैठक में 1932 खतियान आधारित झारखंड का स्थानीय निवासी की परिभाषा एवं पहचान हेतु विधेयक गठन की स्वीकृति दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया एवं मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. जिला परिषद अध्यक्षों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री से कहा कि वर्तमान सरकार में जनता का काम हो रहा है जनता सहृदय आपके साथ खड़ी है.
 
ये रहे मौजूद 

इस अवसर पर बोकारो जिला परिषद अध्यक्षा  सुनीता देवी, दुमका जोएस बेसरा (दुमका),  श्रद्धा सिंह (धनबाद),  उमेश मेहता (हजारीबाग), सुधा चौधरी (रामगढ़),  मसीहा पुडिया (खूंटी),  किरण माला वाड़ा (गुमला),  रीना भगत (लोहरदगा), रोज प्रतिमा सोरेन (सिमडेगा)   निर्मला भगत (रांची),  बारी मुर्मू (पूर्वी सिंहभूम),  सोनाराम बोडरा (सरायकेला),  शांति देवी (गढ़वा), प्रतिमा कुमारी (पलामू),  पूनम देवी (लोहरदगा)  मोनिका किस्कू (साहिबगंज),  जोली सिस्ट मनी (पाकुड़)  राधा रानी (जामताड़ा),  बेबी देवी (गोड्डा),  ममता कुमारी (चतरा),  रामधन यादव (कोडरमा),  उमेश मेहता (हजारीबाग), जिला प्रतिनिधि बोकारो चितरंजन साव, संदीप सोरेनशेखर सिंह,  सूरज सिंह,  सुधीर मंडल, चंदन, राजेश बरनवाल,  विनय चौधरी,  रामदेव सिंह पवन प्रजापति,  गोपाल चौधरी एवं अन्य उपस्थित थे.