टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आजकल की बिजी लाइफस्टाइल की वजह से लोगों के पास योग और व्यायाम करने का समय नहीं है. लेकिन योग अब हर इंसान की जरूरत बन गया है. योग मन और शरीर दोनों को आराम देता है. योग करने से मानव जीवन पर सकारात्मक असर पड़ता है. संस्कृत में एक श्लोक है....
व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं,
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम् ॥
इसका मतलब है व्यायाम से स्वास्थ्य, लम्बी आयु, बल और सुख की प्राप्ति होती है. निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं. और ये बात बहुत हद तक सही भी है. जब व्यक्ति स्वस्थ होगा तभी वह काम भी कर सकता है.
भारत समेत दुनियाभर के लोग आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों के बीच योग के फ़ायदों के बारे में जागरूकता फैलाना है. हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है. इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का 8वां संस्करण है. बता दें कि आज पीएम मोदी कर्नाटक के मैसूर पैलेस में योग दिवस मनाने पहुंचे हैं. तो आइए अब विस्तार से जानते हैं कि योग का इतिहास, और इस साल योग दिवस की थीम.
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क्या है योग दिवस की थीम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 से हर साल 21 जून को सभी देशों में मनाया जा रहा है. यह दिन योग और स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए है. योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विषयों का एक समूह है जिसकी उत्पत्ति हजारों साल पहले भारत में हुई थी. साल 2022 में मनाए जाने वाले योग दिवस थीम “मानवता के लिए योग”(Yoga for Humanity) है. इस थीम पर ही आज दुनियाभर में योग दिवस मनाया जा रहा है. यह थीम दुनिया भर में कोरोना के असर को देखते हुए रखते हुए राखी गई है.
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योग दिवस का इतिहास
भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है. लेकिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए संकल्प 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्रमहासभा में ली थी. इसके बाद इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 175 द्वारा समर्थन किया गया था. फिर पूर्ण बहुमत के साथ इस प्रस्ताव को पारित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की मंजूरी दी थी. महासभा की मंजूरी के बाद 21 जून 2015 को पूरी दुनिया ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया था.
21 जून को ही क्यों मनाते हैं योग दिवस?
दरअसल, 365 दिनों में से 21 जून सबसे लंबा दिन होता है. इसकी वजह यह है कि इन दिन उत्तरी गोलार्ध पर सूर्य की सबसे ज्यादा रोशनी पड़ती है. इस दिन सूरज जल्दी निकलता है और देरी से ढलता है. साथरज से मिलने वाली ऊर्जा सबसे ज्यादा प्रभावी होती है, जो प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है. इसलिए योग दिवस के रूप में आज का ही दिन चुना गया है.
योग दिवस पर पीएम मोदी ने कही ये बात
इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैसूर पैलेस के मैदान में सामूहिक योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उनके साथ करीब 15 हजार लोगों ने योग किया. उन्होंने कहा कि दुनियाभर के लोगों के लिए योग अब केवल part of life नहीं, बल्कि way of life बन रहा है. हमें योग को जानना भी है और जीना भी है.
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