टीएनपी डेस्क(TNP DESK): सत्ताधारी NDA गठबंधन ने भले अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली आवास पर हुई बैठक में सर्वसम्मति से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (yashwant Sinha) के नाम पर मुहर लगी. बैठक में 15 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के आम उम्मीदवार होंगे.  देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है. यशवंत  सिन्हा 27 जून की सुबह 11.30 बजे नॉमिनेशन करेंगे.

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बैठक में जयराम रमेश, शरद पवार, डी राजा, प्रफुल्ल पटेल, सीताराम येचुरी, मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला, हसनैन मसूदी (नेशनल कॉन्फ्रेंस), रामगोपाल यादव, ओवैसी की पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील समेत कई नेता पहुंचे. शरद पवार ने कहा कि टीआरएस, आम आदमी पार्टी और शिवसेना बैठक में नहीं थी, लेकिन तीनों पार्टियां यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगी.

ममता का यशवंत ने जताया आभार

विपक्ष की बैठक में टीएमसी ने यशवंत सिन्हा का नाम आगे बढ़ाया, जिसे विपक्ष (OPPOSITION) का समर्थन मिला. बैठक से पहले यशवंत सिन्हा ने एक ट्वीट किया था. उन्होंने अपने ट्वीट में कि TMC में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं. अब एक समय आ गया है, जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए. मुझे यकीन है कि पार्टी मेरे इस कदम को स्वीकार करेगी. इस ट्वीट के बाद से ही राजनीतिक जानकारों के बीच हलचल पीड़ा हो गई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि इन्हीं के नामों की घोषणा होगी.

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जानिए कौन हैं यशवंत सिन्हा

यशवंत सिन्हा का जन्म छह नवंबर 1937 को पटना में हुआ था. उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. इसके बाद 1960 तक पटना विश्वविद्यालय में बेतौर शिक्षक काम किया. इसी दौरान उन्होंने प्रशानिक सेवा की तैयारी शुरू कर दी. इसके बाद 1960 में उनका चयन प्रशासनिक सेवा में हुआ. फिर 1984 में उन्होंने प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में इंट्री ली. 1986 में उन्होंने जनता पार्टी जॉइन की और उन्हें पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव बनाया गया. 1988 में वे राज्यसभा सदस्य चुने गए. 1990 से 1991 के बीच चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला. इसके बाद अटल बिहारी सरकार में 1998 से 2002 तक वित्त मंत्री रहे.  2004 में लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से उन्हें हार मिली थी. 2008 में भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने 2021 में TMC जॉइन की थी. बता दें कि यशवंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग के हैं. यहां से सांसद भी चुने जा चुके हैं. अभी उनके पुत्र जयंत सिन्हा भाजपा से यहां के सांसद हैं.