TNP DESK: बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि 1941 और 2025 के कैलेंडर बिल्कुल एक जैसा है. दोनों वर्षों में तारीख और सप्ताह के दिन समान रूप से एक जैसे है. वहीं जब से यह दावा होने लगा है तब से यह चर्चा का विषय बन गया है. जहां लोग इसे अब संभावित चेतावनियां इतिहास के दोहराने के रूप में देख रहे हैं.
क्या इतिहास फिर से खुद को दोहराने वाला है?
अब लोगों की मन में सवाल आ रहा है कि क्या इतिहास फिर से खुद को दोहराने वाला है? ये दावा कई लोग सोशल मीडिया पर कर रहे है. आपको बताए कि साल 2025 का कैलेंडर 1941 के कैलेंडर से बिल्कुल मैच का रहा है, जी हां हर दिन हर तारीख उसी दिन पर पड़ रही है जैसा की 1941 में पड़ा था. आपको बता दें कि 1941 में पूरी दुनिया जल रही थी. इसी साल पर्ल हर्बल पर बड़ा हमला हुआ था, और 1941 में ही वर्ल्ड वॉर 2 यानी दूसरा विश्व युद्ध भी चल रहा था. वहीं अब सोचने वाली बात यह है कि क्या 1941 जैसा ही हल अब 2025 में होने वाला है?
सच्चाई है या फिर संयोग
जानकारी के अनुसार यह सिर्फ इत्तेफाक है. 1991 और 2050 का कैलेंडर मेल खाना एक गणित सहयोग है ना कि कोई भविष्यवाणी. जहां साल 1941 में जो कुछ हुआ व राजनीति युद्ध नीति और कूटनीति के वजह से हुआ है न कि इन दिन और तारीखों के वजह से. तो ऐसे में ये थ्योरी में सच से ज्यादा बस एक कल्पना होती है. जहां हम लोगों का स्वभाव है कि कहानियों में वह विश्वास करने लगते हैं. जब दुनिया में अनिश्चित होती है. तो हम ऐसे अपने मन को बदलने के लिए सुकून ढूंढते हैं, जैसे 2012 में माया कैलेंडर को लेकर दुनिया खत्म होने की अफवाह चली थी.
इतिहास कभी बार-बार नहीं दोहराता
1941 और 2025 के कैलेंडर का मेल खाना की एक रोचक गणितीय संयोग है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इतिहास खुद को दोहराएगा. हमें अतीत से सीख लेकर वर्तमान चुनौतियों का सामना करना चाहिए, न कि संयोगों के आधार पर भविष्य की आशंकाओं में उलझना चाहिए. अब याद रखिए 2025= 1941 यह केवल कैलेंडर में है, वास्तविकता नहीं. इतिहास कभी बार-बार नहीं दोहराता, लेकिन हम उससे समर्थ हो सकते हैं.
Recent Comments