टीएनपी डेस्क : यह एक बहुत बड़ा आदेश है सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मानव तस्करी को खत्म किया जाना चाहिए. यह आधुनिक समय में दास प्रथा के जैसी है. प्रत्येक राज्य को इस संबंध में एक संस्था बनानी चाहिए और एनआईए को इसकी जांच करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एक याचिका के संबंध में दी है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि नवजात बच्चों की चोरी एक गंभीर विषय है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेडी पारडीवाल और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने यह फैसला दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आगे और क्या कहा जरूर जानिए
नवजात बच्चों की चोरी करने वाले किलो के सदस्यों की जमानत रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को इस संबंध में ठोस कदम उठाने चाहिए. कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से रिपोर्ट मांगी थी. एनएचआरसी ने इसके लिए भारतीय इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट से सहयोग मांगा था भारतीय इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने जो सिफारिश दी है. कोर्ट ने उस पर विचार किया है.
कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी राज्यों को आदेश पाक की कुछ प्रमुख बिंदुओं पर विचार करना चाहिए और उस पर अमल भी करना चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा है कि बच्चों के गायब होने के मामलों को तब तक अपहरण या मानव तस्करी की तरह देखा जाए, जब तक जांच में कोई और बात सामने नहीं आ जाती. बच्चों की तस्करी और खतरनाक कामों से बचाने के लिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और बाल श्रम निषेध कानून को शक्ति से लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पीड़ित हैं, पुलिस उनका विश्वास जीतकर उनके बताए जानकारी पर काम करना चाहिए ताकि शिकायत करने वाले को लगे कि पुलिस उनके दर्द को समझ रही है. स्थानीय भाषा का भी प्रयोग किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण बात कही है कि वेश्यालय बंद होने चाहिए. इसके लिए एक्शन प्लान बनाकर काम करने की जरूरत है. वेश्यालय चलाने वाले और पुलिस की गठजोड़ को ध्वस्त करना जरूरी है. यह मानव तस्करी की सबसे बड़ी वजह है. वेश्यालय से छुड़ाई गई महिलाओं के लिए सम्मानजनक रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए. प्लेसमेंट एजेंसी या वेश्यालय चलाने वाले या फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर लोगों को देश से बाहर भेजने का धंधा करने करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. मानव तस्करी के लिए एनआईए को विशेष कार्य बल बनाना चाहिए.तस्करी को रोकने के लिए गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय मिलकर काम करे.
झारखंड के लिए यह फैसला भी महत्वपूर्ण
झारखंड के लिए यह फैसला बड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि इस राज्य में मानव तस्करी की बड़ी गंभीर समस्या रही है.प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से यहां की बच्चियों को बड़े शहरों में ले जाकर बेचने का भी मामला सामने आता रहा है.इस संबंध में कुछ कार्रवाई भी हुई है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बड़े स्तर पर एक्शन होने की संभावना है.
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