टीएनपी डेस्क(TNP DESK): केंद्र के एक फैसले से बवाल मच गया है. केंद्र की ओर से देश में रोहिंग्याओं को बसाने का फैसला किया गया है. इस बात की जानकारी केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने ने ट्वीट कर दी. इसके बाद विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के नेताओं ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं. वहीं विश्व हिन्दू परिषद और संघ भी इस फैसले से नाराज है.
दरअसल, केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने ट्वीट कर लिखा कि भारत ने हमेशा उनका स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है. एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं, UNHRC आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाएंगी.
“देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाली भाजपा”
हरदीप सिंह पूरी के इस ट्वीट के बाद से ही सियासी बवाल मैच गया. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रोहिंग्या मामले में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि देश में रोहिंग्याओ को लाने वाले और अब बसाने वाली भी भाजपा है. अपनी पीठ थप थपाने वाले भी भाजपाई. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के भाजपा के एक बहुत बड़े षड्यन्त्र का पर्दाफाश हुआ. भाजपा ने कबूल किया कि दिल्ली में हजारों रोहिंग्या को भाजपा ने बसाया. अब उनको पक्के घर और दुकानें देने की तैयारी है. दिल्ली वाले ये कतई नहीं होने देंगे.
वहीं आम आदमी पार्टी के साथ ही भाजपा के नताओं ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. बीजेपी नेत कपिल मिश्रा ने कहा कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थी नहीं घुसपैठिये हैं. ड्रग, मानव तस्करी, जिहाद जैसे काले धंधे इन्हीं की बस्तियों से चलाए जाते हैं. इनको हिरासत में लेना और फिर डिपोर्ट करना, यहीं एकमात्र समाधान हैं. कपिल मिश्रा ने केन्द्रीय मंत्री से रोहिंग्याओं से पहले कश्मीरी पंडितों और अफगानिस्तान से आए हिंदू सिखों को फ्लैट और सुरक्षा दिलाने की अपील की.
गृह मंत्रालय ने दी सफाई
पूरे मामले पर गृह मंत्रालय की ओर से सफाई दी गई है. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया में जो खबर आई है उसके संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्याओं को फ्लैट देने का कोई फैसला नहीं किया है. गृह मंत्रालय ने कहा कि कानून के मुताबिक अवैध रोहिंग्याओं को डिपोर्ट करने तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है.
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