टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भाजपा ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. वे एनडीए के भी प्रत्याशी होंगे. उपराष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ के चयन के पीछे कई कारण है.
जगदीप धनखड़ पेशे से वकील रह चुके हैं. वे केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं.इसके अलावा वे बड़े जुझारू और निष्ठावान प्रवृत्ति के व्यक्ति रहे हैं. 1951 में जन्मे जगदीप धनखड़ राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं.उन्हें उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने राजस्थान के लोगों को भी एक संदेश देने का काम किया है. वैसे भैरों सिंह शेखावत इस राज्य से उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हो चुके हैं. राजस्थान में विधानसभा का चुनाव होना है.यह उसके लिए लाभप्रद हो सकता है. भाजपा के कुछ नेता मुख्तार अब्बास नकवी के प्रत्याशी बनने की संभावना जता रहे थे. पर उनका केंद्रीय मंत्री के रूप में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा जबकि वे झारखंड से राज्यसभा के सांसद थे फिर भी वे यहां नहीं के बराबर आते थे.यह शिकायत केंद्रीय नेतृत्व को मिलती रही.
जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को अक्सर आईना दिखाते रहे हैं वे जुझारू पॉलिसी के हैं राज्यपाल के नाते उन्होंने यथासंभव बेहतर प्रशासन देने का प्रयास किया. कई बार ममता बनर्जी को परेशानी भी झेलनी पड़ी. विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्ता भले ना हासिल किया हो पर उसका जनाधार बढ़ा है. पार्टी की नजर में उनका यह कार्यकाल अच्छा लगा है. भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में जब उनके नाम की चर्चा हुई तो सभी ने इस पर हामी भरी.
जगदीप धनखड़ का उप राष्ट्रपति बनना लगभग तय है. एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत है.उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य मतदान करते हैं. अगर जगदीप धनखड चुनाव जीत जाते हैं तो संसद के दोनों सदनों का संचालन करने वाले राजस्थान के होंगे.लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान के हैं और जगदीप धनखड़ राजस्थान के झुंझुनू से हैं.
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