गढ़वा (GADHWA) : सरकार के तमाम दावों के बावजूद प्रशासनिक मिलीभगत से गढ़वा जिले में अवैध उत्खनन का कार्य धरल्ले से चल रहा है. ताजा उदाहरण गढ़वा जिले के मेराल थाना के कुंभी गांव स्थित काला पहाड़ का है. यहां से दबंग पत्थर माफिया द्वारा पत्थर का अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है. जहां फाइलों में टास्क फोर्स गठित है, वहीं पहाड़ों पर पत्थर माफियाओं की पौ-बारह है. 

क्या है मामला


मेराल थाना के कुंभी गांव स्थित पहाड़ों का सीना चीरकर माफिआओं द्वारा अ‌वैध पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है. जिस तरह जोर शोर से यह काम किया जा रहा है,  उससे प्रशासनिक मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है. आने लगी है.  स्थानीय ग्रामीण केदार यादव कहते हैं कि हम आसपास के लोगों ने पत्थर उत्खनन के खिलाफ कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई .  बकौल केदार यादव, ग्रामीणों ने जब जब स्थानीय प्रशासन व पुलिस अधिकारी से शिकायत की, तब तब उन्हें दबंग माफियाओं द्वारा मारपीट कर मुंह नहीं खोलने की धमकी दी गई. इस कारण अब  कोई कुछ खुलकर बोलना नहीं चाहते हैं. जिला परिषद सदस्य अतहर अंसारी कहते  हैं कि आलम यह है कि अवैध पत्थरों से जिले मे स्थापित क्रशर प्लांट का संचालन हो रहा है. इसे रोकवाने के लिए अब पंचायत प्रतिनिधि की शिकायत के बाद भी इसपर रोक नही लगी.

जिम्मेवार का कहना है

जिले में स्थित पहाड़ों से खुलेआम पत्थर का उत्खनन की बात अधिकारी भी दबे जुबान से स्वीकार करते हैं, लेकिन खुलकर कुछ स्पष्ट नहीं बोल पा रहे हैं. जिला खनन पदाधिकारी योगेन्द्र बड़ाईक यह तो स्वीकार करते हैं कि जिले मे  छिटपुट अवैध उत्खनन होता है, पर अवैध उत्खनन को रोकने के लिए उपायुक्त के नेतृत्व में गठित टास्क फोर्स द्वारा कार्रवाई किए जाने की बात अलाप रहे हैं, जो होता नहीं दिखता.  

 बहरहाल माफियाओं द्वारा पहाड़ों से कर रहे पत्थर उत्खनन का कार्य जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं दिख रहा है. फाइलों की बात करें तो जिले में उपायुक्त के नेतृत्व में अवैध उत्खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. पर व्यवहार में नतीजा शून्य है. इस अवैध उत्खनन कार्य से जहां एक ओर पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा, वहींसरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है. दरकार है ठोस निर्णय लेने की ताकि पत्थरों का अवैध उत्खनन पर रोक लग सके.

रिपोर्ट : शैलेश कुमार, गढ़वा