गिरिडीह (GIRIDIH) मंगलवार को महान वैज्ञानिक, भौतिकविद, वनस्पति विज्ञानी एवं पुरातत्वविद् सर जगदीश चंद्र बोस की जयंती पी एन डी जैन उच्च विद्यालय में आयोजित की गई. प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बोस साहब को अपने समय में जो सम्मान मिलना चाहिए था वो तो नहीं मिला, लेकिन आजादी के 75 वें वर्ष में हम भारतीय भी नहीं दे पा रहे हैं. आज भी गिरिडीह स्थित उनका आवास हमारी बेरुखी का शिकार है. भौतिक विज्ञान के शिक्षक सदानंद प्रसाद ने बच्चों को बोस के अर्द्धचालक से संबंधित आविष्कार के बारे में बताया.
बच्चों को वैज्ञानिक के बारें में जानना ज़रुरी
मौके पर हिन्दी शिक्षिका माधुरी कुमारी ने पौधों में गतिशीलता को समझाते हुए कहा कि बोस ने रसायनों के प्रभाव से पौधों में संवेदनशीलता को समझाया था. वरिष्ठ शिक्षक सह शिक्षक प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक के बारे में बच्चों को जानकारी होनी चाहिए. विज्ञान शिक्षक सह सामाजिक उत्थान के कार्यों में सक्रिय देवेश कुमार देव ने सर जेसी बोस के विज्ञान के क्षेत्र में कार्यों में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि वास्तव में रेडियो और बेतार के तार के आविष्कार का वास्तविक श्रेय बोस को जाता है. पेटेंट न कराने की वजह से बोस नोबेल पुरस्कार से भी महरूम रहे. बोस का अंतिम समय गिरिडीह के झंडा मैदान के निकट उनके आवास में बीता. उस आवास को आज विज्ञान भवन के रूप में तब्दील कर दिया गया है, लेकिन आज भी उनके तिजोरी का रहस्य, रहस्य ही है. देव ने सरकार और प्रशासन से आग्रह किया कि सर जगदीश चंद्र बोस के नाम पर एक संग्रहालय और बाटनीकल गार्डन का निर्माण करवाया जाऐ ताकि बच्चों को अपने देश के, अपने क्षेत्र के महान वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके और उनके शोध कार्यों को उभरते युवा आगे बढ़ा सकें. कार्यक्रम में प्रमोद कुमार यादव, सदानंद प्रसाद, आकाश जैन, संगीता जैन, देवेश कुमार देव, रजत जैन, रूपलाल प्रसाद मंडल, विवेक जैन, दयानंद कुमार, संजीत कुमार , एतवारी महतो, रविन्द्र कुमार एवं विद्यालय के सभी छात्र- छात्राऐं उपस्थित थे.
रिपोर्ट : दिनेश कुमार, गिरिडीह
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