पलामू(PALAMU)-जिले के हुसैनाबाद प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोटनिया में  प्रधानमंत्री आवास योजना एवं आवास प्लस योजना में मुखिया के द्वारा भारी अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है.

दलितों की बस्ती हैं विकास से कोसों दूर

सूत्रों के अनुसार लोटनियाँ पंचायत के अंतर्गत बजरडीह गांव स्थित हैं. यहां बस्ती में 60 से 70 घर हैं जिसकी जनसंख्या औसत 400 से अधिक है. ये दलित परिवारों की बस्ती हैं. इनकी जर्जर घर का हालात देख कर आपके चौंक जाएंगे. यहां लोग कच्चे घरों के ऊपर प्लास्टिक लगा कर रहते हैं, ऐसे में बारिश के मौसम में बारिश का पानी छत से टपकता है. विवश ग्रामीण समूह से लोन लेकर घरों की मरम्मत करवा रहें है. ये गांव पंचायत भर में सबसे पिछड़ा हुआ है. आखिर अब तक इन परिवारों को आवास क्यों नहीं मिला?

आवास के लिए दर-दर भटक रहें मजदूर वर्ग के लोग

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत के मुखिया कुसुम देवी चुनाव जीतने के बाद इस गांव में नहीं आई हैं. एक दो बार उनके पति नागेंद्र उपाध्याय आएं हैं, मुखिया द्वारा ग्रामीणों का सुधि तक नहीं लिया जाता. साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि वे सब मजदूर वर्ग के लोग हैं, ऐसे में उन्हें ये तक नहीं पता कि आवास से संबंधित बात करने के लिए उन्हें कहां जाना चाहिए. मुखिया जी जो फरमान करते हैं, वही गांव के लोग सुन कर सब्र कर लेते हैं.

जिनका घर गिरने की कगार पर हो,उनमें कहां से आएगा सब्र

दूसरी तरफ उसी पंचायत के ग्राम झरी खुर्द बरवाडीह के कल्पना देवी पति आनंद चौहान ने यह कहते हुए रो पड़ी कि मेरे घर की हालात सरकार के कोई भी अधिकारी जांच करें. तभी उन्हें हमारी हालत के बारे में पता चलेगा. मुखिया के पति नागेंद्र उपाध्याय ग्रामीणों को सब्र रखने की सलाह देते हे, लेकिन ग्रामीणों के घर की हालत इतना खराब हैं कि घर कभी भी गिर सकता हैं, ऐसे में कोई सब्र कैसे करें. आश्चर्य की बात ये है कि इस घर तक पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं है, बताया जा रहा है कि महिला के पति का नाम आवास प्लस की सूची में था लेकिन नाम कटवा दिया गया, आखिर बिना जांच किये नाम कैसे कटा, जर्जर आवास तो देखने लायक है. जहां गिरे हुए मिट्टी के घर में लकड़ी का खंभा खड़ा कर को रहने के मजबूर है परिवार.

रिपोर्ट:समीर हुसैन,हैदरनगर,पलामू